हरियाणा के डीजीपी ने ‘पुलिस शहीद स्मारक‘ पर पुष्प चक्र अर्पित कर पुलिस के अमर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को पंचकूला की पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर ‘पुलिस शहीद स्मारक‘ पर पुष्प चक्र अर्पित कर भारतीय पुलिस बल के देशभर के 191 अमर शहीदों के बलिदानों को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दी।
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शहीदों और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी किसी पुलिसकर्मी की मृत्यु होती है, तो उसके परिवार पर मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। एक क्षण में जीवन की दिशा बदल जाती है। परिवार का संतुलन बिगड़ जाता है, आर्थिक और भावनात्मक दोनों मोर्चों पर कठिनाई आती है। ऐसे कठिन समय में हमारा पहला दायित्व होता है कि वह उस परिवार के साथ मजबूती से खड़ी रहे। इसी भावना के तहत हरियाणा पुलिस द्वारा शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने और एक करोड़ रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, ताकि परिवार की आजीविका सम्मानपूर्वक चलती रहे और कोई बच्चा शिक्षा या अच्छे भविष्य से वंचित न हो।
डीजीपी ने कहा कि शहादत को बहुत बड़ा माना जाता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कल्पनाशीलता और संवेदनशीलता के माध्यम से ऐसी सभ्यता का निर्माण करना है जहां शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पिएं अर्थात शक्ति और शांति का संतुलन बना रहे। उन्होंने कहा कि जैसे शेर को अपनी ताकत पर गर्व होना स्वाभाविक है, वैसे ही बकरी को अपनी असहायता पर अफसोस नहीं होना चाहिए। समाज में कुछ अपराधी तत्व ऐसे हैं, जिनकी प्रवृत्ति भेड़िए या लोमड़ी जैसी होती है - हिंसा और स्वार्थ से प्रेरित। ऐसे लोगों के प्रति हमें दृढ़ और निर्णायक रुख अपनाना होगा।
डीजीपी सिंह ने कहा कि जो लोग हिंसा को तरक्की का जरिया मानते हैं, वे सभ्यता के शत्रु हैं। उनसे हमारी लड़ाई विचारों की नहीं, बल्कि कानून की है। हम कानून के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं, और हमारी नीति बिल्कुल साफ है जैसे को तैसा। यदि अपराधी गोली चलाएगा तो पुलिस पीछे नहीं हटेगी; न्याय और सुरक्षा के लिए हर संभव कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस उन योद्धाओं का सम्मान करती है जो पीठ दिखाने के बजाय जंग के मैदान में डटकर लड़ते हैं और बलिदान देते हैं। यही वे सच्चे सपूत हैं जो अपनी शहादत से व्यवस्था को जीवंत रखते हैं।
ओपी सिंह ने कहा कि हरियाणा पुलिस अपने शहीद साथियों के परिवारों की पीड़ा को गहराई से समझती है। उन वीर माताओं को नमन है जिन्होंने देश के लिए प्राण देने वाले सपूतों को जन्म दिया। हम सब मिलकर हरियाणा को और अधिक मजबूत, सुरक्षित और संवेदनशील बनाएंगे ताकि हरियाणा और अधिक सशक्त बनाया जा सके।
क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
गौरतलब है कि 21 अक्तूबर 1959 को भारत-तिब्बत सीमा पर लद्दाख के क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस जवान सीमा पर गश्त करते समय चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले का शिकार हुए थे। तभी से 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाने की परम्परा आरम्भ हुई थी।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में डीजीपी मोड्रेनिजेशन एंड लिटिगेशन अजय सिंघल, एडीजीपी सौरभ सिंह, पूर्व डीजीपी बीएस संधू सहित कई अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।