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Haryana Congress List: टिकट आवंटन में हुड्डा की चली, 80% से अधिक सीटों पर पसंद के उम्मीदवार

सैलजा कोटे से चार को सिटिंग-गैटिंग में और 6 अन्य को मिला टिकट, सुरजेवाला बेटे के अलावा नरवाना से सतबीर दबलैन को मिला टिकट
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Haryana Congress List: भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा व रणदीप सुरजेवाला की फाइल फोटो।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 12 सितंबर

Haryana Congress List: हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कांग्रेस नेतृत्व ने पूरा भरोसा जताया है। लोकसभा चुनावों की तर्ज पर इस बार विधानसभा की टिकट आवंटन में भी हुड्डा को ‘फ्री-हैंड’ दिया गया। घोषित किए गए उम्मीदवारों के चयन में हुड्डा सभी पर भारी पड़े। 80 प्रतिशत से अधिक सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री की पसंद से उम्मीदवार तय हुए हैं।

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हालिया लोकसभा चुनावों में भी उनकी पसंद से ही अधिकांश उम्मीदवार उतारे गए थे। टिकट आवंटन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि कांग्रेस हाईकमान में हुड्डा की मजबूत पैठ है। पार्टी नेतृत्व का उन पर पूरा विश्वास है। इसीलिए उनकी पसंद-नापसंद का टिकट आवंटन में विशेष ख्याल रखा गया। एंटी हुड्डा खेमे के नेताओं – कुमारी सैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला अपने कम ही समर्थकों को टिकट दिलवा सके।

इनमें भी सैलजा की पसंद से चार मौजूदा विधायकों सहित दस नेताओं को टिकट मिला है। विधायकों की टिकट की राय इसलिए आसान हो गई क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू कर दिया था। वहीं सुरजेवाला अपने बेटे के अलावा एक अन्य नेता को टिकट दिलवा सके हैं। पार्टी के मौजूदा 28 विधायकों में से 24 हुड्डा के ही समर्थक हैं। सैलजा समर्थक चार विधायकों – नारायणगढ़ से शैली चौधरी, सढ़ौरा से रेणु बाला, कालका से प्रदीप चौधरी व असंध से शमशेर सिंह गोगी को टिकट मिला है।

कांग्रेस की टिकट आवंटन में संभावित कलेश से अधिक झगड़ा देखने को मिला। आपसी गुटबाजी और खींचतान के चलते नामांकन-पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन से कुछ घंटों पहले तक भी टिकटों की घोषणा होती रही। हालांकि तमाम विरोध, खींचतान और गुटबाजी के बाद भी हुड्डा अपने अधिकांश समर्थकों को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे। लोकसभा चुनावों के दौरान भी टिकटों को लेकर इसी तरह का झगड़ा प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच हुआ था।

लोकसभा का चुनाव कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन में लड़ा था। कुरुक्षेत्र से गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने चुनाव लड़ा था। बाकी की नौ सीटों में से सिरसा से खुद पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने चुनाव लड़ा। वहीं बाकी के आठ हलकों के सभी उम्मीदवार हुड्डा की पसंद से उतारे गए थे। इस चुनाव में पार्टी पांच सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब रही। सिरसा से सैलजा, रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा, हिसार से जयप्रकाश ‘जेपी’, अंबाला से वरुण चौधरी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी ने जीत हासिल की।

प्रदेश में कांग्रेस के पांच सांसद जीतने के बाद हुड्डा की पकड़ पार्टी हाईकमान में और भी मजबूत हो गई। माना जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस नेतृत्व ने विधानसभा चुनावों के लिए भी हुड्डा को फ्री-हैंड दिया और उनकी पसंद से ही उम्मीदवारों का फैसला किया गया। यह बात पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया पूर्व में ही कई बार कह चुके थे कि इस बार टिकट आवंटन में कोटा सिस्टम नहीं चलेगा। जैसे-जैसे प्रत्याशियों की सूची जारी हुई, उनकी यह बात सच भी साबित होती गई। हालांकि टिकट आवंटन में पूर्व में दो या इससे अधिक चुनाव हारने और जमानत जब्त वाले नेताओं को टिकट नहीं देने के अपने फार्मूले को भी पार्टी ने तोड़ दिया है।

इन सैलजा समर्थकों को मिला टिकट

सैलजा के समर्थक चारों विधायकों – शैली चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, प्रदीप चौधरी व रेणु बाला को कांग्रेस ने सिटिंग-गैटिंग के फार्मूला लागू होने के चलते टिकट दिया है। वहीं पंचकूला में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई, जगाधरी में पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान, अंबाला कैंट में परमिंदर पाल सिंह, हिसार में रामनिवास राड़ा व फतेहाबाद में पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया को सैलजा की पसंद से टिकट दिया है। माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री व टोहाना से प्रत्याशी घोषित किए गए परमवीर सिंह को भी सैलजा की पसंद से टिकट मिला है। सैलजा और परमवीर सिंह के परिवार के बीच पुराने रिश्ते हैं। हालांकि परमवीर सिंह को हुड्डा के भी नजदीकियों में गिना जाता है।

सिरसा पार्लियामेंट में भी हुड्डा पड़े भारी

कुमारी सैलजा वर्तमान में सिरसा से सांसद हैं। इससे पहले वे दो बार अंबाला से भी सांसद रही हैं। लेकिन सिरसा पार्लियामेंट में भी हुड्डा का पलड़ा भारी रहा है। ऐलनाबाद से पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल, रानियां में पत्रकार रहे सर्वमित्र काम्बोज, रतिया में जरनैल सिंह, सिरसा शहर में गोकुल सेतिया को हुड्डा के कहने पर टिकट मिला है।

वहीं डबवाली के मौजूदा विधायक अमित सिहाग और कालांवाली विधायक शीशपाल केहरवाला भी पूर्व मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं। सैलजा की पसंद से फतेहबाद में बलवान सिंह दौलपुरिया और नरवाना में सुरजेवाला के कहने पर सतबीर दबलैन को टिकट मिला है। वहीं टोहाना प्रत्याशी परमवीर सिंह की गिनती सैलजा और हुड्डा दोनों के कोटे से की जा रही है।

अंबाला में सैलजा का दिखा प्रभाव

सिरसा के मुकाबले अंबाला पार्लियामेंट में कुमारी सैलजा की अधिक चली है। इस लोकसभा क्षेत्र के नौ हलकों में से छह की गिनती सैलजा समर्थकों में होती है। इनमें कालका विधायक प्रदीप चौधरी, नारायणगढ़ विधायक शैली चौधरी, सढ़ौरा विधायक रेणु बाला के अलावा पंचकूला से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई, जगाधरी से पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान व अंबाला कैंट से परमिंदर पाल सिंह शामिल हैं। वहीं यमुनानगर से रमन प्रकाश त्यागी, अंबाला सिटी से पूर्व मंत्री चौ. निर्मल सिंह और मुलाना से अंबाला सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी को हुड्डा की सिफारिश पर टिकट मिली है।

नारनौंद व उकलाना में सैलजा को झटका

हिसार पार्लियामेंट क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नारनौंद व उकलाना विधानसभा क्षेत्रों में भी हुड्डा ने सैलजा को तगड़ा झटका दिया है। उकलाना सैलजा का पैतृक हलका है। वे खुद भी यहां से चुनाव लड़ना चाहती थीं। साथ ही, अपने भतीजे के लिए टिकट की कोशिश कर रही थीं। वहीं नारनौंद में सैलजा अपने सबसे नजदीकियों में शामिल डॉ. अजय चौधरी की टिकट पर अड़ी थीं। ये दोनों सीटें आखिर तक लटकी रही लेकिन आखिर में हुड्डा की पसंद से ही दोनों सीटों पर उम्मीदवार घोषित हुए। नारनौंद से हुड्डा युवा नेता जसबीर सिंह ‘जस्सी पेटवाल’ और उकलाना से पूर्व विधायक नरेश सेलवाल को टिकट मिला है।

इन सीटों पर चली नेतृत्व की पसंद

कांग्रेस के दिल्ली से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व की पसंद से इस बार चार हलकों में टिकट का फैसला हुआ है। बल्लबगढ़ से पार्टी ने पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौर की टिकट काटकर पराग शर्मा को दी है। बताते हैं कि पराग शर्मा को टिकट दिलवाने में सबसे बड़ी भूमिका पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की रही।

वहीं प्रियंका गांधी की सिफारिश पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बवानीखेड़ा हलके से पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल को टिकट मिली है। तिगांव हलके से पूर्व विधायक ललित नागर की टिकट काटकर नई दिल्ली में ही सक्रिय युवा नेता रोहित डागर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं घरौंडा हलके से वीरेंद्र सिंह राठौर कांग्रेस नेतृत्व के ‘आशीर्वाद’ से ही तीसरी बार टिकट लेने में कामयाब रहे। पूर्व में वीरेंद्र सिंह राठौर रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से भी नजदीकियां बढ़ा चुके हैं।

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