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Haryana Assembly Elections: पिहोवा से भाजपा प्रत्याशी कंवलजीत अजराना ने लौटाया पार्टी टिकट

टिकट मिलने के बाद से ही हो रहा था पार्टी में विरोध
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भाजपा प्रत्याशी सरदार कंवलजीत सिंह अजराना व अन्य।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 10 सितंबर

Haryana Assembly Elections: कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी सरदार कंवलजीत सिंह अजराना नामांकन-पत्र जमा करवाने से पहली ही चुनावी मैदान से हट गए हैं। स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों द्वारा किए जा रहे विरोध की आड़ में उन्होंने अपना टिकट वापस भाजपा हाईकमान को लौटा दिया है। अजराना का टिकट मिलने के बाद से ही विरोध हो रहा था।

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भाजपा ने पिहोवा से मौजूदा विधायक और पूर्व खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह का टिकट काटकर अजराना को दिया था। पिहोवा से भाजपा टिकट के लिए आधा दर्जन से अधिक नेता दौड़ में थे। सरदार चेहरे पर ही दाव लगाते हुए अजराना को टिकट दिया गया था। भाजपा के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि अजराना की टिकट की घोषणा के बाद हुई बगावत के बाद अंदरखाने भाजपा भी अपने फैसले पर फिर से विचार शुरू कर चुकी थी।

माही गिल का नाम भी इस सीट के लिए चला था

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में पिहोवा से फिल्म अभिनेत्री माही गिल का नाम भी चला था। अब अजराना द्वारा टिकट वापस लौटने के बाद फिर से माही गिल के अलावा उन नामों पर मंथन शुरू हो गया है, जो टिकट मांग रहे हैं। अजराना ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सोमवार की रात को ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व को इस संदर्भ में बता दिया था। उनकी मानें तो उन्हें मनाने के लिए पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के उनके पास फोन भी आए, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ इन्कार कर दिया है।

टिकट मिलने पर कर रहा था गर्व महसूस

अजराना ने कहा, जब मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता को टिकट दिया तो मुझे बड़ा गर्व महसूस हुआ। भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा, टिकट के लिए और भी कई नेता दौड़ में थे। हम सभी नई दिल्ली में मिला भी करते थे। उस समय यही बात होती थी कि टिकट चाहे किसी को भी मिले, सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मुझे टिकट मिलने के बाद अधिकांश ने मेरा विरोध शुरू कर दिया। सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को पार्टी के निर्देशों को मानना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मैं सिख हूं और पूरी तरह से अपनी कौम को समर्पित हूं

उन्होंने कहा, कई पदाधिकारियों के अलावा सिख चेहरे भी टिकट की लाइन में थे। मैंने अपनी जिंदगी के 30 साल सिख कौम को दिए हैं। सेवा करते हुए कहीं गलती भी हो जाती है। उन्होंने कहा कि सिख समाज को राज्यसभा, लोकसभा व विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने की मांग उठती है लेकिन जब मुझे टिकट मिला तो सभी को बैचैनी हो गई। अजराना ने कहा – मैं सिख हूं और पूरी तरह से अपनी कौम को समर्पित हूं। कौम के लिए मैं अपना सबकुछ दाव पर लगा सकता हूं।

मैं मैदान छोड़कर नहीं भागा

सरदार कंवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि मेरे पास पार्टी की टिकट है। अधिकृत तौर पर मैं ही उम्मीदवार हूं। अगर मैं अकेले जाकर भी नामांकन-पत्र दाखिल कर दूं फिर किसी को कमल का सिम्बल नहीं मिल सकता, लेकिन मैं पार्टी लाइन और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता। अजराना ने कहा कि कुछ लोग कहेंगे कि मैं मैदान छोड़कर भाग गया हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। न तो मैंने मैदान छोड़ा है और न ही कभी भागूंगा। मैं पार्टी के पदाधिकारियों, आपसी भाईचारे व रिश्तों का सम्मान करता हूं। इसी वजह से मैंने अपना टिकट वापस लौटाया है।

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