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Gautam Adani bribery case: भाजपा ने की कांग्रेस की आलोचना, घटनाक्रम के समय पर सवाल उठाए

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) Gautam Adani bribery case: अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस के हमलों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरोपों...
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अमित मालवीय की फाइल फोटो।
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नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा)

Gautam Adani bribery case: अमेरिकी अभियोजकों द्वारा उद्योगपति गौतम अदाणी पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस के हमलों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आरोपों में जिन राज्यों का जिक्र है उनमें उस समय विपक्षी दलों का शासन था।

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भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटनाक्रम के समय पर भी सवाल उठाया क्योंकि यह संसद सत्र शुरू होने से कुछ ही दिन पहले और डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने से पहले हुआ है।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। मालवीय ने कहा कि इससे अनेक सवाल पैदा होते हैं। मालवीय ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस दावे कि अभियोग पत्र विभिन्न ‘‘मोदानी घोटालों'' की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को सही साबित करता है, के जबाव में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर कहा, ‘‘कांग्रेस जॉर्ज सोरोस और उनके गुट के हाथों की कठपुतली बनने को तैयार है।''

मालवीय ने अमेरिकी संघीय अभियोजकों के अभियोग का हवाला देते हुए कहा कि जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच जिन राज्यों में सरकारी अधिकारियों को अदाणी समूह द्वारा कथित तौर पर रिश्वत दी गई वे हैं ओडिशा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश।

उन्होंने रमेश से कहा, ‘‘ यहां जिन राज्यों का जिक्र किया गया है वे सभी उस समय विपक्ष शासित थे। इसलिए आप प्रवचन देने से पहले कांग्रेस और उसके सहयोगियों द्वारा ली गई रिश्वत के बारे में जवाब दीजिए।'' उस समय ओडिशा और आंध्र प्रदेश में क्षेत्रीय दलों बीजद और वाईएसआर कांग्रेस का शासन था, वहीं कांग्रेस की सहयोगी द्रमुक तमिलनाडु में सत्ता में थी और अब भी है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में थी। रमेश पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि प्रतिक्रिया देने से पहले अच्छा होता है कि पढ़ लिया जाए।

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जिस अमेरिकी दस्तावेज का हवाला दिया है उसमें कहा गया है कि अभियोग में आरोप लगाए गए हैं और जब तक दोष साबित नहीं हो जाते तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है। भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह तो कोई भारतीय अदालत भी भारतीय बाजारों में प्रवेश रोकने के लिए कानूनी आधार पर अमेरिकी कंपनियों पर अमेरिकी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ क्या हमें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और संबंधित कॉरपोरेट को अपना बचाव करने देना चाहिए या किसी अन्य देश की घरेलू राजनीति में हस्तक्षेप करना चाहिए।'' उन्होंने कांग्रेस से अनावश्यक रूप से उत्साहित नहीं होने को कहा। कांग्रेस, खासकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और अदाणी के बीच निकटता का आरोप लगाते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि इस समूह को भाजपा सरकार से अनुचित लाभ मिला है।

अदाणी ने इन आरोपों को खारिज किया है वहीं भाजपा ने भी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि अदाणी समूह ने विपक्ष शासित कई राज्यों में भी भारी निवेश किया है। दरअसल अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर ऊर्जा ठेके हासिल किए। इस कथित योजना के तहत 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।

अदाणी समूह ने अमेरिकी अधिकारियों के रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया है। उसने कहा कि समूह सभी कानूनों का अनुपालन करता रहा है। अदाणी समूह के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और हम इन्हें खारिज करते हैं।''

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