मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

अफसरों की टोली, सरकारी पैसों से होली

आईएएस, आईपीएस अफसरों सहित 75 मेहमान हुए थे शामिल
Advertisement
प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यूशिमला, 17 अप्रैल

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा होली के अवसर पर होटल हॉलिडे होम में अधिकारियों के लिए आयोजित लंच पार्टी के बाद विवाद खड़ा हो गया है। अधिकारी ने सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) से हाेली पार्टी का 1.22 लाख रुपये का बिल देने को कहा है। 31 मार्च को अपनी सेवानिवृत्ति से बमुश्किल दो सप्ताह पहले सक्सेना द्वारा आयोजित इस पार्टी के लिए विभाग से बिल मांगने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद मुद्दे पर सियासी विवाद छिड़ गया और और विपक्षी भाजपा ने अधिकारियों पर नकदी की कमी से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार की कीमत पर मौज-मस्ती करने का आरोप लगाया है।

Advertisement

सक्सेना ने 14 मार्च को यहां सरकारी होटल हॉलिडे होम में आईएएस, आईपीएस, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों सहित करीब 75 मेहमानों के लिए पार्टी आयोजित की थी। हालांकि, मेहमानों और 22 ड्राइवरों सहित कर्मचारियों के दोपहर के भोजन का 1.22 लाख रुपये का बिल सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया है। एक दुर्लभ और असामान्य कदम के तहत, 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए सक्सेना को राज्य सरकार द्वारा छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया है।

संपर्क करने पर, सक्सेना ने कहा कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और उपायुक्तों द्वारा ऐसी पार्टियों की मेजबानी करना सामान्य बात है। इसके लिए सरकार भुगतान करती है। सक्सेना ने कहा, 'सरकार द्वारा पार्टी के लिए बिल का भुगतान करना असामान्य नहीं है, क्योंकि मुख्य सचिव ऐसे आयोजनों की मेजबानी करने के लिए अधिकृत हैं। इसके अलावा, यह मेरे रिश्तेदारों के लिए नहीं बल्कि अधिकारियों के लिए एक निजी पार्टी थी।' उन्होंने कहा कि जब भी ऐसी पार्टी आयोजित की की जाती थी, तो कर्मचारियों और ड्राइवरों के लिए भोजन भी उपलब्ध कराया जाता था।

सरकारी खजाना उड़ाने की अनुमति कैसे दी : भाजपा

भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ने सरकारी खजाने की कीमत पर अधिकारियों को पार्टी आयोजित करने की अनुमति देने के लिए कांग्रेस शासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'जब राज्य का कर्ज बोझ एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है तो अधिकारियों को अपनी मौज-मस्ती के लिए सरकारी खजाने से पैसे उड़ाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।' प्रदेश के मुख्य भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि जब राज्य दिवालियापन की कगार पर है तो मुख्यमंत्री ऐसी पार्टियों के आयोजन की अनुमति कैसे दे सकते हैं।

 

 

Advertisement
Show comments