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पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को नेपाल की कमान

अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के तौर पर राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ
**EDS: THIRD PARTY IMAGE** In this image received on Sept. 12, 2025, Nepal's President Ramchandra Paudel administers the oath of office to Sushila Karki as Prime Minister during a ceremony at the President's residence, in Kathmandu, Nepal. (PTI Photo)(PTI09_12_2025_000417A)
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नेपाल में सरकार के खिलाफ जेन-जी के हिंसक प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक संकट के बीच आखिरकार तय हो गया कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की देश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। शुक्रवार रात करीब नौ बजे उन्होंने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, नेपाल के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और ‘जेन जी’ के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक के बाद कार्की के नाम पर सहमति बनी।

कथित भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों के खिलाफ युवाओं के हिंसक प्रदर्शन के चलते मंगलवार को केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। राष्ट्रपति की प्रेस सलाहकार ने कहा कि सभी पक्षों के बीच आम सहमति के बाद सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण के बाद कार्की एक छोटा मंत्रिमंडल गठित करेंगी और मंत्रिमंडल की पहली बैठक में राष्ट्रपति को संसद भंग करने की सिफारिश करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति पौडेल ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त करने का फैसला लेने से पहले प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक समाज के सम्मानित व्यक्तियों से भी विचार-विमर्श किया।

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विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर कार्की के समक्ष नेपाल में कानून-व्यवस्था बहाल करने की चुनौती है। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में भ्रष्टाचार पर अंकुश, पक्षपात समाप्त करना और सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध हटाना शामिल था।

बीएचयू से पढ़ीं, महाभियोग का भी किया सामना

- 7 जून 1952 को पूर्वी नेपाल के विराटनगर के शंकरपुर-3 में एक साधारण किसान परिवार में सुशीला कार्की का जन्म हुआ।

- 1971 में महेंद्र मोरंग परिसर-त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से स्नातक की डिग्री ली।

- 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।

- 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।

- 1979 में विराटनगर में वकालत शुरू की।

- 1985 में उन्हें महेंद्र मल्टीपल कैंपस, धरान में सहायक शिक्षक के रूप में भी नियुक्त किया गया।

- 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं और 2009 में उच्चतम न्यायालय में तदर्थ न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

- 18 नवंबर 2010 को स्थायी न्यायाधीश बनीं।

- जुलाई 2016 में उन्हें नेपाल का 24वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वह इस पद पर आसीन होने वाली देश की पहली और अब तक की एकमात्र महिला हैं। वह लगभग 11 महीने तक इस पद पर रहीं। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा सरकार द्वारा पेश महाभियोग प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया था।

 

 

 

 

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