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असम में बाढ़ से स्थिति अब भी गंभीर, 30 जिलों के 24.50 लाख लोग प्रभावित

गुवाहाटी, छह जुलाई (भाषा) Flood situation in Assam: असम में शनिवार को भी बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी रही और प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बाढ़ से 30 जिलों के 24.50 लाख...
डिब्रूगढ़ जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का एक हवाई दृश्य। पीटीआई फोटो
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गुवाहाटी, छह जुलाई (भाषा)

Flood situation in Assam: असम में शनिवार को भी बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी रही और प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बाढ़ से 30 जिलों के 24.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।

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इस साल बाढ़ से 52 लोग जान गवा चुके हैं जबकि भूस्खलन और तूफान से 12 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से लौटे मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘डिब्रूगढ़ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद हमने स्वास्थ्य वित्तीय सहायता योजना ‘असम आरोग्य निधि' के साथ कुछ अन्य मुद्दों की समीक्षा की।''

शर्मा ने यह भी बताया कि अधिकारियों को खासतौर पर ‘दुर्लभतम मामलों को प्राथमिकता देने और किसी मौजूदा योजना के अंतर्गत नहीं आने वालों को प्राथमिकता देने को कहा गया है।''

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों से बातचीत करने के बाद उनकी समस्याओं के निवारण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। स्वच्छ पेयजल आपूर्ति को लेकर उन्होंने कहा कि ‘जल जीवन मिशन' योजना ‘इन कठिन समय में उम्मीद की किरण' बनकर सामने आई है।

कछार, कामरूप, हैलाकांडी, होजाई, धुबरी, नागांव, मोरीगांव, ग्वालपाडा, बारपेटा, डिब्रूगढ़, नलबाड़ी, धेमाजी, बोंगाईगांव, लखीमपुर, जोरहाट, सोनितपुर, कोकराझार, करीमगंज, दक्षिण सलमारा, दरांग और तिनसुकिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में धुबरी, दरांग, कछार ,बारपेटा और मोरीगांव शामिल हैं। कुल 47,103 प्रभावित लोगों ने 612 शिविरों में शरण ली है, जबकि 4,18,614 लोगों को राहत सामग्री प्रदान की गई है।

उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन की चपेट में आने से दो श्रद्धालुओं की मौत

उत्तराखंड के चमोली जिले में शनिवार को भूस्खलन के बाद पहाड़ी से गिर रही चट्टानों की चपेट में आने से हैदराबाद के दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि यह घटना बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गौचर और कर्णप्रयाग के बीच स्थित चटवापीपल के पास हुई। पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान निर्मल शाही (36) और सत्य नारायण (50) के रूप में हुई है। वे दोपहिया वाहन पर सवार होकर बद्रीनाथ से लौट रहे थे, तभी यह घटना हुई।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनके शव मलबे से बाहर निकाल लिये गए हैं। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मी सड़क से मलबा हटाने और यातायात बहाल करने में जुटे हुए हैं। भूस्खलन के कारण रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध हो गया है।

रुद्रप्रयाग जिले में एहतियात के तौर पर शनिवार को सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए। मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार को कुमाऊं और गढ़वाल के लिए 'भारी से बहुत भारी बारिश' का रेड अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने खराब मौसम के मद्देनजर लोगों को जल निकायों के पास न जाने की सलाह दी है।

बिहार में वज्रपात की चपेट में आकर नौ लोगों की मौत

बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान छह जिलों में वज्रपात की चपेट में आकर नौ लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

कुमार ने राज्य के लोगों से सतर्कता बरतने तथा घर के अंदर रहने की अपील की। ​​ मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, जहानाबाद में तीन, मधेपुरा में दो, पूर्वी चंपारण, रोहतास, सारण और सुपौल में एक-एक लोगों की वज्रपात की चपेट में आकर मौत हुई। मुख्यमंत्री ने लोगों से आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी सलाह का पालन करने का भी आग्रह किया।

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