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Farmers protest: किसानों का प्रदर्शन को लेकर कई किसान नेता हिरासत में, चंडीगढ़-पंजाब सीमा पर जाम से लोग परेशान

Farmers protest: जीरकपुर-चंडीगढ़ सीमा पर हजारों संख्या में वाहन जाम में फंसे हैं
जीरकपुर चंडीगढ़ सीमा पर लगे जाम से परेशान लोग। ट्रिब्यून
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 5 मार्च

Farmers protest: अपनी लंबित मांगों को लेकर किसान संगठनों ने बुधवार को चंडीगढ़ में धरना देने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले हजारों किसान राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पंजाब में पुलिस ने भारती किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां सहित कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है। वहीं, चंडीगढ़ की सीमाओं पपर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है, जिससे सीमाओं में पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। जीरकपुर-चंडीगढ़ सीमा पर हजारों संख्या में वाहन जाम में फंसे हैं। इसके कारण लोग परेशान हैं।

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चंडीगढ़ पुलिस ने शहर के सभी प्रवेश मार्गों को सील कर दिया है और भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। किसानों को शहर में घुसने से रोकने की पूरी तैयारी की गई है। इस कारण कई प्रमुख सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पंजाब के किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले कई किसान संगठन चंडीगढ़ की ओर कूच कर रहे हैं। प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं और शहर के सभी प्रवेश मार्गों को सील कर दिया गया है।

किसान संगठनों का कहना है कि वे जिस स्थान पर रोके जाएंगे, वहीं पर दिल्ली की तर्ज पर धरना देंगे। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने किसानों से अपील की है कि वे सड़क, राजमार्ग या रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध न करें ताकि जनता को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि किसान जहां भी रोके जाएं, वहीं शांतिपूर्ण ढंग से सड़क किनारे बैठकर विरोध जताएं।

सरकार पर दमन का आरोप

किसानों ने पंजाब सरकार पर उनके प्रदर्शन को दबाने का आरोप लगाया है। SKM की प्रमुख मांगों में कृषि नीति का कार्यान्वयन, भूमिहीन किसानों और मजदूरों को भूमि वितरण, किसानों की कर्जमाफी और एमएसपी की गारंटी शामिल हैं। भारती किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां को सुनाम के पास गांव चट्ठा नन्हेरड़ा से पुलिस हिरासत में लिया गया। किसान नेता सुखपाल सिंह मानक ने बताया कि बुधवार सुबह उगराहां गंडुयां से किसानों का काफिला लेकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए थे। काफिले में संगठन के जिला अध्यक्ष अमरीक सिंह गंतुआं समेत अन्य नेता भी शामिल थे लेकिन अमरीक सिंह गंडुयां पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहे।

संगरूर के चट्ठा ननहेड़ा गांव के निकट नाका पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी यहां सिविल ड्रेस में तैनात थे। उगराहां और उनके साथी किसानों को छाजली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। डीआइजी हरचरण सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब पूरी तरह शांतिपूर्ण है। किसान जहां-जहां आए हैं, वहां की पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया है।

किसान अपनी मांगों के हित में चंडीगढ़ धरना प्रदर्शन के लिए अड़े

समराला में किसान चंडीगढ़ में धरना देने पर अड़े हुए हैं। पुलिस ने गत दिन आधी रात किसान नेताओं के घरों पर छापे मार कर उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें अज्ञात स्थानों पर रखा हुआ है ताकि उनका धरना प्रदर्शन विफल किया जा सके। फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा और लुधियाना से ट्रेक्टर ट्रालियों पर सवार होकर चंडीगढ़ धरने में शामिल होने के लिए आए कुछ किसानों को स्थानीय पुलिस ने आज यहां हैडों पुलिस चौकी पर रोक लिया, तो किसानों ने वहीं सड़क पर दरियां बिछा कर डेरे डाल लिए। अपने साथ खाने पीने का सामान साथ लेकर आए किसानों ने वहीं बैठ कर लंगर तैयार करने शुरू कर दिए।

पुलिस अधिकारी नीलांबरी जगदले ने किसान नेताओं को समझाया कि उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा, लिहाजा वे वापिस लौट जाएं, पर किसानों ने कहा कि वह शांतिपूर्वक रह कर अपना आंदोलन जारी रखेंगे और वापिस लौटने का तो प्रश्न ही नहीं उठता। उधर सरकार का मानना है कि विभिन्न किसान संगठनों में एक दूसरे से आगे बढ़ कर एक्शन करने की प्रतिस्पर्धा हो गई है। जिससे उनके बेवजह आंदोलनों से राज्य के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के लोग रोज के सड़क, रेल और अन्य रास्तों की धरने कारण रुकावटों से आजिज आ चुके हैं। इससे राज्य के विकास में भारी दिक्कतें खड़ी हो रही हैं। इस दौरान खबर है कि समराला इलाके के कुछ और किसान नेताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है, परंतु पुलिस सूत्र इससे से इनकार कर रहे हैं।

सरकार और किसान नेताओं के बीच वार्ता विफल

सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान और किसान नेताओं के बीच बातचीत बेनतीजा रही। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री मान अचानक बैठक छोड़कर चले गए, जिससे किसान नेताओं में असंतोष फैल गया। जोगिंदर सिंह उगराहां के अनुसार, “मुख्यमंत्री से आठ-नौ मांगों पर बातचीत हो चुकी थी, लेकिन उन्होंने आंख में संक्रमण की बात कहकर बैठक छोड़ दी। जब हमने कहा कि आगे की बातचीत के बाद ही हम प्रदर्शन को लेकर निर्णय लेंगे, तो मुख्यमंत्री भड़क गए और बैठक छोड़ दी।”

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को परेशान करना सही नहीं है।

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