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Farmers Delhi Chalo March:  शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने छोड़ी पानी की बौछारें व दागे आंसू गैस के गोले, कई घायल, माहौल तनावपूर्ण

Farmers Delhi Chalo March: पंजाब के 101 किसानों का जत्था जा रहा था दिल्ली के लिए
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पटियाला जिले में शंभू सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने पानी की बौछारें कीं। पीटीआई फोटो
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चंडीगढ़, 14 दिसंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)

Farmers Delhi Chalo March: हरियाणा-पंजाब की सीमा शंभू बार्डर पर शनिवार को दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसमें 10 किसान घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू प्रदर्शन स्थल से 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे के बाद दिल्ली की ओर पैदल मार्च के लिए रवाना हुआ।

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जब किसान हरियाणा सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तक पहुंचे, तो उन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने यह कार्रवाई की। इस दौरान आंसू गैस की शेलिंग से कुछ किसान घायल हो गए। घायलों को मौके पर तैनात एंबुलेंस के माध्यम से पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बता दें, किसान इससे पहले भी दिल्ली कूच का प्रयास कर चुके हैं। आज किसानों का दिल्ली कूच का तीसरा प्रयास था। इससे पहले पुलिस किसानों के कूच को विफल बना चुकी है। शनिवार को किसानों के दिल्ली कूच से पहले किसान नेताओ की एक बैठक भी हुई।

पंजाब के किसान शनिवार को अपने 'दिल्ली चलो' पदयात्रा को फिर से शुरू करने जा रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी जैसे मुद्दे शामिल हैं। वहीं, किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा के अंबाला जिले कुछ इलाकों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

पटियाला जिले में शंभू सीमा पर विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान। पीटीआई फ़ाइल फोटो

हरियाणा  के गृह सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार अंबाला के डंगडेहरी,लोहगढ़, मानकपुर, बड़ी घेल, छोटी घेल, लाहड़सा, कालू माजरा, देवीनगर, हीरा नगर, सद्दोमजरा, सुलतानपुर व काकरू में शनिवार सुबह 6 बजे से 17 दिसंबर रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

किसान 13 फरवरी से हरियाणा और पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर बढ़ने के उनके पहले प्रयास को रोक दिए जाने के बाद, यह प्रदर्शन वहीं जारी है।

शंभी बॉर्डर पर पहुंचे किसान। पीटीआई फोटो

यह प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले हो रहा है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली कूच करने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि किसानों ने सिख गुरुद्वारों में जाकर प्रार्थना की और आंदोलन की सफलता के लिए आशीर्वाद लिया।

इस बीच, खनौरी बॉर्डर पर 18 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर होती जा रही है। डॉक्टरों ने उनके वजन में कमी और अस्थिर रक्तचाप की जानकारी दी है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि दल्लेवाल को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जाए। अदालत ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति का जीवन आंदोलन से अधिक महत्वपूर्ण है और किसानों को गांधीवादी तरीके से विरोध जारी रखने की सलाह दी।

दिल्ली कूच के मद्देनजर हरियाणा और पंजाब की अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। घग्गर नदी के पास केंद्रीय अर्धसैनिक बल और हरियाणा पुलिस को तैनात किया गया है।

पिछली बार किसानों के दिल्ली की ओर बढ़ने के प्रयास के दौरान, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे थे और अस्थायी बैरिकेड लगाकर उनकी आवाजाही को रोकने का प्रयास किया था। दिसंबर 8 को शंभु सीमा पर हुए पुलिस के साथ टकराव और घायल होने के बाद, किसानों ने अपनी पदयात्रा अस्थायी रूप से रोक दी थी।

हालांकि, किसान अपनी मांगों पर अडिग हैं। वे संसद के सामने अपनी शिकायतें उठाना चाहते हैं और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कानूनी बदलावों की मांग कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने पहले आंदोलनकारियों को रोकने के लिए नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 लागू की थी। इसके बावजूद, किसान अपने हक की लड़ाई जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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