भारत ने एकीकृत हवाई रक्षा हथियार प्रणाली का ओडिशा तट से पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह एक बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है, जिसमें त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी मिसाइल, बहुत कम दूरी की हवाई रक्षा प्रणाली मिसाइल और उच्च शक्ति वाली लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार प्रणाली शामिल है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन हथियार प्रणालियोंने अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर तीन अलग-अलग लक्ष्यों को एक साथ निशाना बनाया।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उड़ान परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘इस अद्वितीय उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय हवाई रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगी।’ नयी हवाई रक्षा प्रणाली का उड़ान परीक्षण ऑपरेशन सिंदूर के साढ़े तीन महीने बाद हुआ है।गगनयान पैराशूट प्रणाली एयर-ड्रॉप परीक्षण पूराबेंगलुरू (एजेंसी) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आगामी गगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित गति धीमी करने से संबंधित प्रणाली को परखने के लिए रविवार को पहला एकीकृत ‘एयर ड्रॉप’ परीक्षण (आईएडीटी-01) सफलतापूर्वक किया। यह परीक्षण आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के निकट किया गया। यह अभ्यास इसरो, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, नौसेना और भारतीय तटरक्षक द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। गगनयान परियोजना का उद्देश्य भारत की यह क्षमता प्रदर्शित करना है कि वह मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस ला सकता है।