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बिहार में 98.2 प्रतिशत मतदाताओं के दस्तावेज मिले : आयोग

वोटर लिस्ट रिवीजन
सांकेतिक तस्वीर।
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि 98.2 प्रतिशत मतदाताओं के दस्तावेज प्राप्त हो चुके हैं और मसौदा मतदाता सूची पर दावे एवं आपत्तियां दर्ज कराने के लिए अब आठ दिन बचे हैं। आयोग ने कहा कि दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि में मतदाताओं को न केवल मसौदा सूची में हुई गलतियों को सुधारने, बल्कि अपने आवश्यक दस्तावेज जमा कराने का भी अवसर मिलता है।आयोग ने कहा कि 24 जून से 24 अगस्त तक 60 दिन में 98.2 प्रतिशत लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए हैं। इसका मतलब है कि प्रतिदिन औसतन लगभग 1.64 प्रतिशत लोगों ने दस्तावेज जमा कराए।

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गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारियों को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के इच्छुक लोगों से आधार या सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज स्वीकार करने को कहा है।

सूची में दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम

भागलपुर (उज्ज्वल जलाली) : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान दो ऐसी महिलाओं का सत्यापन भी कर दिया गया, जो असल में पाकिस्तानी नागरिक हैं। यह खुलासा तब हुआ, जब गृह मंत्रालय के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए अधिकारियों ने दस्तावेजों की दोबारा जांच की। उन्होंने पाया कि पाकिस्तान से आयीं इमराना खानम और फिरदौसिया खानम न केवल लगभग सात दशकों से भागलपुर में रह रही हैं। दोनों के पास आधार और मतदाता पहचान पत्र भी हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, फिरदौसिया 19 जनवरी, 1956 को तीन महीने के वीजा पर आई थी, जबकि इमराना खानम उसी साल तीन साल के वीजा पर आई थी। इस खुलासे के बाद अब गृह मंत्रालय ने व्यापक जांच शुरू कर दी है। भागलपुर के जिला मजिस्ट्रेट नवल किशोर सिंह ने पुष्टि की है कि उनके नाम हटाने और मतदाता पहचान पत्र रद्द करने के लिए कदम उठाए गए हैं।

 

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