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Doctors strike in Haryana: हरियाणा में डाक्टरों की हड़ताल, सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित

चंडीगढ़, 25 जुलाई (भाषा) Doctors strike in Haryana:  हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगें पूरी न होने के विरोध में बृहस्पतिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जिससे सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। हरियाणा सिविल चिकित्सा सेवाएं (एचसीएमएस)...
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चंडीगढ़, 25 जुलाई (भाषा)

Doctors strike in Haryana:  हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों ने अपनी विभिन्न मांगें पूरी न होने के विरोध में बृहस्पतिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जिससे सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं।

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हरियाणा सिविल चिकित्सा सेवाएं (एचसीएमएस) संगठन के नेतृत्व में चिकित्सक हड़ताल कर रहे हैं। यह संगठन राज्य के सरकारी डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करता है। ये चिकित्सक विशेषज्ञ कैडर का गठन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती नहीं करना, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि कम करने सहित अनेक मांग कर रहे हैं।

संगठन ने डॉक्टरों की मांगें पूरी न होने के विरोध में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने का आह्वान किया। वहीं राज्य सरकार ने हड़ताल से मरीजों पर पड़ने वाले असर पर विचार करने का संगठन से आग्रह किया है।

संगठन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, ''राज्य भर में विभिन्न सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं।''

डॉ. राजेश ख्यालिया सहित चार चिकित्सक बुधवार को पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा संगठन को वार्ता के लिए निमंत्रण दिए जाने पर डॉ. ख्यालिया ने कहा, ''हम बैठक में शामिल होंगे, लेकिन अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।''

पानीपत और गुरुग्राम सहित कई स्थानों पर जिला अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीजों की लंबी कतारें देखी गईं। कुछ अन्य स्थानों पर ओपीडी में इलाज कराने आए कुछ मरीजों ने बताया कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे, इंटर्नशिप कर रहे और सेवानिवृत्त चिकित्सक उनका इलाज कर रहे हैं।

डॉ. ख्यालिया ने बुधवार को कहा, ''पिछले कई महीनों से हमारी मांग के संबंध में हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन इन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया, इसलिए हमने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), आपातकालीन कक्ष, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बंद रखने का फैसला किया है।''

उन्होंने कहा, ''स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 18 जुलाई को हमें आश्वासन दिया था कि हमारी दो मांगों के संबंध में 24 जुलाई से पहले अधिसूचना जारी कर दी जाएगी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।''

डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, ''हमने सरकार से एक महीने पहले कहा था कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद कर देंगे।''

वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने उनसे आग्रह किया है कि वे हड़ताल से आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें। उन्होंने कहा, ''मैं समझता हूं कि... आपके सदस्यों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी इन मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।''

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''हाल ही में मैंने मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ इन मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी। हम आपकी मांगों के महत्व को समझते हैं और इसके लिए हम एक ऐसा समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं जो सभी संबंधित पक्षों के लिए भी संतोषजनक हो।''

उन्होंने कहा, ''मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हड़ताल से हमारे मरीजों और आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध बनी रहें, खासकर उन लोगों के लिए जो जरूरत के समय हम पर निर्भर रहते हैं।''

राज्य के सरकारी डॉक्टरों ने 15 जुलाई को अपनी मांगों को लेकर दो घंटे की हड़ताल की थी। हड़ताल के कारण राज्य भर के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

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