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Diwali 2024 AQI: दिवाली की रात 'जहरीली' हुई दिल्ली की हवा, पंजाब-हरियाणा में भी स्थिति खराब

आतिशबाजी के कारण धुएं के बादल छाए, सांस लेने में दिक्कत
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नई दिल्ली दिवाली पर आतिशबाजी करते लोग। रॉयटर्स
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नयी दिल्ली, 1 नवंबर (भाषा)

Diwali 2024 AQI: राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगी रोक का उल्लंघन कर दिल्ली में बृहस्पतिवार को दिवाली की रात बड़े पैमाने पर की गई आतिशबाजी के कारण शहर में धुएं के बादल छा गए और हवा 'जहरीली' हो गई। आतिशबाजी के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 362 दर्ज दर्ज की गई। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ में भी गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब' और ‘बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप द्वारा घंटे के आधार पर जारी राष्ट्रीय एक्यूआई के मुताबिक बृहस्पतिवार रात 11 बजे हरियाणा के गुरुग्राम में एक्यूआई 322, जींद में 336 और चरखी दादरी में 306 दर्ज किया गया।

इसके अलावा हरियाणा के अंबाला में 201, बहादुरगढ़ में 292, भिवानी में 278, बल्लभगढ़ में 211, फरीदाबाद में 245, कुरुक्षेत्र में 270, पंचकूला में 202, रोहतक में 222 और सोनीपत में एक्यूआई 258 दर्ज किया गया।

आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार रात 11 बजे चंडीगढ़ का एक्यूआई 239 दर्ज किया गया। इसी प्रकार पंजाब के जालंधर में रात 11 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 256 रहा जबकि लुधियाना में यह 234, मंडी गोबिंदगढ़ में 266 और पटियाला में 244 दर्ज किया गया।

मौसम विभाग द्वारा तय पैमाने के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 को ‘संतोषजनक', 101 से 200 को ‘मध्यम', 201 से 300 को ‘खराब', 301 से 400 को ‘बहुत खराब' तथा 401 से 500 को ‘गंभीर' माना जाता है।

दिल्ली में तीन वर्ष में सबसे प्रदूषित दिवाली

दिल्ली में शुक्रवार को धुंध की मोटी परत छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब' श्रेणी में 362 दर्ज किया गया। दिवाली के दौरान लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया। दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में सबसे प्रदूषित दिवाली भी इस साल दर्ज की गई।

वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' श्रेणी में

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई शुक्रवार को सुबह नौ बजे 362 यानी ‘बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली के अधिकतर निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण का एक जैसा स्तर दिखाया, और 39 में से 37 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब' श्रेणी में बताया।

कहां कितना रहा एक्यूआई

राष्ट्रीय एक्यूआई के बारे में हर घंटे अद्यतन जानकारी देने वाले सीपीसीबी के ‘समीर' ऐप के अनुसार, अलीपुर में एक्यूआई 355, आनंद विहार में 396, अशोक विहार में 389, आया नगर में 351, बवाना में 396, बुराड़ी में 394 और मथुरा रोड में 371 दर्ज किया गया। आईजीआई हवाई अड्डे पर एक्यूआई 371, द्वारका में 376, जहांगीरपुरी में 390, मुंडका में 375, पटपड़गंज में 365, रोहिणी में 390, सोनिया विहार में 396 और वजीरपुर में 390 रहा।

दिवाली पर एक्यूआई को ‘गंभीर' श्रेणी में जाने से रोकने के लिए दिल्ली के लोगों का आभार: गोपाल राय

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली पर राजधानी के ज्यादातर लोगों ने पटाखे नहीं जलाए और वह इसके लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि इसी से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को ‘गंभीर' श्रेणी में जाने से रोकने में मदद मिली। राय ने कहा, ‘‘ बहुत से लोगों ने पटाखे नहीं जलाए जिससे हम एक्यूआई के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से बचे रहे। उनके इस जिम्मेदारीपूर्ण बर्ताव के लिए उनका आभार।''

उन्होंने कहा कि अधिकतर निवासियों ने प्रतिबंध का पालन किया फिर भी कुछ लोगों ने पटाखे जलाए और यदि प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन किया जाता तो वायु गुणवत्ता में और सुधार हो सकता था। राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सरकार ने दिवाली पर विशेष धूल नियंत्रण अभियान भी शुरू किया। राय ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो मोबाइल स्मॉग गन तैनात की गई थीं, जो धूल को कम करने और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही थीं।

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दीपावली के अगले दिन हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर' श्रेणी में

देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में दीपावली के अगले दिन शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ने 400 का स्तर लांघ दिया जो बताता है कि हवा की गुणवत्ता ‘‘गंभीर'' श्रेणी में पहुंच गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक शहर के छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे एक्यूआई 404 आंका गया, जबकि प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 औसतन 255.26 दर्ज किया गया।

इस वक्त शहर में पीएम 10 का औसत स्तर 318.08 रहा। छोटी ग्वालटोली, शहर का घनी बसाहट वाला इलाका है जहां बड़ी तादाद में वाहनों की आवा-जाही भी होती है। पर्यावरण मामलों के जानकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अधिकारी डॉ. दिलीप वाघेला ने ‘‘पीटीआई-भाषा'' को बताया, ‘‘शहर में बृहस्पतिवार सुबह से दीपावली की जोरदार आतिशबाजी शुरू हुई जो देर रात तक जारी रही। कई इलाकों में शुक्रवार को भी जमकर पटाखे चलाए गए। शहर में हवा की गुणवत्ता के गंभीर श्रेणी में पहुंच जाने का प्रमुख कारण यही है।''

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