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हिमाचल में सीधी भर्ती बंद

दो साल बतौर ट्रेनी सेवा के बाद ही मिलेगी नियमित नौकरी, ग्रुप ए, बी और सी के पदों के लिए नयी व्यवस्था
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हिमाचल प्रदेश में हर साल एक लाख युवाओं को सरकारी क्षेत्र में नियमित रोजगार देने के चुनावी वादे पर सत्ता में आई कांग्रेस ने राज्य में ग्रुप ए, बी और सी के पदों पर सीधी भर्ती बंद कर दी है। सरकारी क्षेत्र में नियमित रोजगार पाने से पहले अब युवाओं को दो साल तक बतौर ट्रेनी काम करना होगा। सुक्खू सरकार की यह नयी व्यवस्था शनिवार 19 जुलाई से लागू हो गयी है। इसके साथ ही अनुबंध व्यवस्था को सरकार ने खत्म कर दिया है।

सरकार के अनुसार, नयी नीति का उद्देश्य युवाओं में जवाबदेही, प्रेरणा और व्यावसायिकता को बढ़ाना है। साथ ही प्रशासनिक ढांचे को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना भी है। नयी योजना के तहत उम्मीदवारों का चयन खुली प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से होगा। बतौर ट्रेनी दो साल तक उन्हें एक निर्धारित मासिक मानदेय मिलेगा, लेकिन वह सरकारी कर्मचारी नहीं माने जाएंगे। इस अवधि में उन्हें सरकारी अवकाश, मेडिकल रिम्बर्समेंट, पेंशन जैसे लाभ नहीं मिलेंगे। हालांकि, हिमकेयर या आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। दो वर्षों की ट्रेनिंग और अंतिम योग्यता परीक्षा में सफल होने के बाद ही उम्मीदवारों की नियुक्ति नियमित मानी जाएगी।

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हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से भरे गये पदों के साथ-साथ सिविल जज, मेडिकल काॅलेजों में सहायक व एसोसिएट प्रोफेसर, आयुष विभाग में विभिन्न विषयों के प्रोफेसर, वन विभाग में एसीएफ, नायब तहसलीदार, अनुभाग अधिकारी, सहायक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी तथा पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में नयी योजना लागू नहीं होगी।

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