दिल्ली ब्लास्ट : फरीदाबाद की दो दुकानें सील
जांच के दौरान सेल आउट किए गए केमिकल का रिकॉर्ड खंगाला गया। दुकानों के मालिक लाल बाबू द्वारा कॉलेजों, यूनिवर्सिटी और अस्पतालों की लैब में केमिकल सप्लाई किया जाता था। एजेंसी के पास इनपुट था कि डॉ. मुजम्मिल ने इसी दुकान से केमिकल खरीदा था, हालांकि दुकानदार ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। जांच के दौरान कुछ दस्तावेज कब्जे में लिए गए। प्रशासन ने बताया कि दोनों दुकानों के पास केमिकल बेचने का वैध लाइसेंस नहीं मिला, जिसके चलते सील करने की कार्रवाई की गई। इसके लिए एसडीएम की अगुवाई में एक लोकल कमेटी गठित की गई, जिसमें ड्रग कंट्रोल, फूड सेफ्टी, क्राइम ब्रांच और कोतवाली पुलिस शामिल रहे।
अल फ्लाह यूनिवर्सिटी का माइनॉरिटी कोटा खतरे में
उधर, अल-फ्लाह यूनिवर्सिटी का माइनॉरिटी कोटा भी संकट में है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग ने 24 नवंबर को नोटिस जारी कर पूछा था कि जब यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों की भूमिका 10 नवंबर के दिल्ली विस्फोट में जांच के दायरे में है, जिसमें 15 लोग मारे गए थे, तो उसका अल्पसंख्यक दर्जा क्यों बरकरार रखा जाए। आयोग ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
