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नक्सल विरोधी अभियानों के लिए सीआरपीएफ कमांडो शौर्य चक्र से सम्मानित

राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में दिया सम्मान
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नयी दिल्ली, 23 मई (एजेंसी)छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का बेस स्थापित करते समय सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को ‘शौर्य चक्र’ से सम्मानित किया गया है। ‘201 कोबरा बटालियन’ के कांस्टेबल पवन कुमार और उनके साथी कांस्टेबल देवन सी. को बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान मरणोपरांत सैन्य पदक से सम्मानित किया गया।

कुमार को ‘एक माओवादी स्नाइपर ने गोली मारी थी। उनकी कमांडो इकाई, 150वीं सीआरपीएफ बटालियन के सैनिकों के साथ 30 जनवरी, 2024 को सुकमा जिले के टेकलगुडियम में एक अग्रिम परिचालन बेस (एफओबी) स्थापित कर रही थी। तभी नक्सलियों ने गोलीबारी की और मल्टीपल बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) से गोले दागे।

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कुमार और देवन सी नक्सलियों से भिड़ गए और इस कार्रवाई में शहीद हो गए। उनके परिवारों ने राष्ट्रपति से पदक प्राप्त किए। कोबरा यूनिट के डिप्टी कमांडेंट लखवीर, असिस्टेंट कमांडेंट राजेश पंचाल और कांस्टेबल मलकीत सिंह को भी अदम्य साहस दिखाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

तीन अप्रैल, 2023 को झारखंड के चतरा जिले में हुए एक अन्य अभियान में शामिल सीआरपीएफ के कर्मियों को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इस अभियान में 203 कोबरा बटालियन के डिप्टी कमांडेंट विक्रांत कुमार और इंस्पेक्टर जेफरी हमिंगचुल्लो ने साहसिक प्रदर्शन किया और मुठभेड़ में पांच शीर्ष माओवादियों को मार गिराया था।

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