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गृह मंत्री और अन्य नेताओं पर हमले की साजिश, 2 गिरफ्तार

अमृतपाल के समर्थक व्हाट्सएप ग्रुप की चैट लीक होने के बाद एक्शन
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जुपिंदरजीत सिंह/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 21 अप्रैल

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पंजाब पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर हमले की साजिश के खुलासे के बाद मोगा में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। कट्टरपंथी उपदेशक व खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह का कथित तौर पर समर्थन करने वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप की चैट के स्क्रीनशॉट रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस साजिश का खुलासा हुआ। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मोगा में विभिन्न धाराओं की तहत एफआईआर दर्ज की गयी है।

जांच के बाद पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप ‘वारिस पंजाब दे टीम’ बनाने में शामिल मुख्य आरोपियों की पहचान की। यह ग्रुप कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। संदिग्धों में बठिंडा के सरदारगढ़ का लखदीप सिंह, खन्ना के न्यू मॉडल टाउन का रहने वाला बलकार सिंह और मोगा का पवनदीप सिंह शामिल है। बलकार और पवनदीप को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि अमृतपाल सिंह की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का विरोध में अमित शाह, रवनीत सिंह बिट्टू, बिक्रम मजीठिया और परमिंदर सिंह तलवारा सहित राजनीतिक एवं धार्मिक हस्तियों के खिलाफ हिंसा की साजिश रची जा रही थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, व्हाट्सएप ग्रुप में विदेशी फंडिंग, हथियारों की खरीद और ऑनलाइन भड़काऊ सामग्री शेयर करने के बारे में चर्चा का खुलासा हुआ है। कथित तौर पर 600 से अधिक सदस्यों वाले व्हाट्सएप ग्रुप में राजनीतिक नेताओं पर लक्षित हमलों पर चर्चा की गयी।

केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने रविवार को यह मामला उठाते हुए कहा था कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े कुछ खालिस्तान समर्थक तत्व उनकी और पंजाब के अन्य नेताओं की हत्या की साजिश रच रहे हैं।

मजीठिया ने जारी किया अमृतपाल का ऑडियो

शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अमृतपाल सिंह की ऑडियो क्लिप जारी की, जिसमें उसने गैंगस्टरों के साथ संबंध, डकैती और अन्य अवैध गतिविधियों में संलिप्तता की बात स्वीकार की है। मजीठिया ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस के कथित राजनीतिकरण के कारण वे सभी सबूत केंद्र को सौंप देंगे। उन्होंने ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर चुप रहने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की और सवाल किया कि क्या अधिकारी किसी के मरने का इंतजार कर रहे थे।

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