Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

कांग्रेस ने उठाया सवाल, अदाणी के एकाधिकार पर CII जैसी संस्थाएं निष्क्रिय क्यों हैं

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) Adani Group: कांग्रेस ने अदाणी समूह के विभिन्न क्षेत्रों में कथित तौर पर एकाधिकार स्थापित करने का बुधवार को दावा किया और सवाल किया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) जैसी संस्थाएं इस मामले में आखिर...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
जयराम रमेश। फाइल फोटो पीटीआई
Advertisement

नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा)

Adani Group: कांग्रेस ने अदाणी समूह के विभिन्न क्षेत्रों में कथित तौर पर एकाधिकार स्थापित करने का बुधवार को दावा किया और सवाल किया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) जैसी संस्थाएं इस मामले में आखिर निष्क्रिय क्यों बनी हुई हैं।

Advertisement

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि सीसीआई को अदाणी समूह के मामले में कदम उठाने का साहस करना चाहिए। अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च' की रिपोर्ट आने के बाद से कांग्रेस अदाणी समूह पर अनियमितता और एकाधिकार के आरोप लगातार लगा रही है, हालांकि इस कारोबारी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'खबर है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने चिंता जताई है कि प्रस्तावित रिलायंस-डिज्नी विलय, प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है। यह इस बात पर विचार करने का एक अच्छा समय है कि सीसीआई को इस मामले में भी कदम उठाने का साहस कैसे करना चाहिए था कि ‘नॉन-बायोलॉजिकल' प्रधानमंत्री का पसंदीदा व्यावसायिक समूह कैसे कंपनियों का अधिग्रहण कर रहा है और विभिन्न उद्योगों में प्रतिस्पर्धा को कम कर रहा है।'

नियमों को रखा गया ताक पर

उन्होंने कहा, 'सीसीआई के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक के विलय और अधिग्रहण को मंजूरी देना कानूनी तौर पर अनिवार्य है। फिर भी, अदाणी समूह द्वारा किए गए सभी अधिग्रहणों को मंजूरी दे दी गई है, भले ही कंपनी ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, बिजली और सीमेंट जैसे क्षेत्रों में एकाधिकार बना लिया है।'

यूडीएफ में पांच गुना वृद्धि की अनुमति दी

रमेश ने कहा, 'हाल के वर्षों में, सीसीआई ने प्रभुत्व के कथित दुरुपयोग के लिए घरेलू और वैश्विक दोनों कंपनियों पर जुर्माना लगाने में संकोच नहीं किया है। फिर भी, केंद्र सरकार ने लखनऊ और मंगलुरू हवाई अड्डों पर यात्रियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) में पांच गुना वृद्धि की अनुमति दी है।

हरियाणा, झारखंड और गुजरात जैसे राज्यों में बिजली की कीमतें तेजी से बढ़ी

नीति आयोग और वित्त मंत्रालय की आपत्तियों के बावजूद, अदाणी समूह के पक्ष में नियमों में बदलाव के बाद उसे दिए गए छह हवाई अड्डों में ये हवाई अड्डे भी शामिल थे।' उन्होंने आरोप लगाया कि अदाणी समूह की नीतियों और कार्यों के कारण हरियाणा, झारखंड और गुजरात जैसे राज्यों में बिजली की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

सक्रिय रहने वाले ये संस्थान निष्क्रिय क्यों बने हुए हैं

रमेश ने सवाल किया, 'जब लेन-देन में ‘नॉन-बायोलॉजिक' प्रधानमंत्री के सबसे करीबी दोस्त शामिल होते हैं तो सेबी सहित भारत के नियामक संस्थान गायब क्यों हो जाते हैं? आम तौर पर सक्रिय रहने वाले ये संस्थान निष्क्रिय क्यों बने हुए हैं क्योंकि इस मित्र ने उपभोक्ताओं की कीमत पर कीमतें बढ़ाकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर लिया है?'

Advertisement
×