हरियाणा के डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ शिकायत
सुसाइड नोट से हरियाणा के प्रशासनिक गलियारों में हलचल
वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सूत्रों के अनुसार, जांचकर्ताओं को घटनास्थल से सात-आठ पन्नों का टाइप किया हुआ सुसाइड नोट और आधे पन्ने की वसीयत मिली है। वाई पूरन कुमार दलित अधिकारी थे और अपने पूरे सेवाकाल में कथित उत्पीड़न के कारण कई उच्चाधिकारियों के खिलाफ खड़े रहे। उन्होंने अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग तक शिकायतें दर्ज कराईं थी। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का जिक्र है, लेकिन ऐसा प्रतीत नहीं होता कि हाल ही में हुई किसी घटना के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। कुमार ने कथित तौर पर सुसाइड नोट में पिछले एक दशक में तबादलों और पदोन्नति को लेकर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति से होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया गया। उन्होंने 2021 में अपनी कानूनी लड़ाई का जिक्र किया, जब उन्होंने तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस नोट में मार्च 2023 में आईजी (होमगार्ड्स) के पद पर तैनाती को लेकर सरकार से की गई उनकी शिकायत और सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में बतौर आईजी उनके हालिया तबादले का भी जिक्र है। कुमार कथित तौर पर इस साल 21 अप्रैल को रोहतक रेंज में तबादले से संतुष्ट थे, लेकिन पांच महीने बाद ही उनका तबादला सुनारिया कर दिया गया। पुलिस सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि रोहतक में शराब ठेकेदारों से वसूली मामले में एएसआई सुशील की हालिया गिरफ्तारी के संबंध में नोट में कोई जिक्र नहीं है।
प्रारंभिक फोरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि कुमार ने अपनी दाहिनी कनपटी में गोली मारी, जो उनके बाएं कान को चीरती हुई प्लाईवुड की दीवार में धंस गई। जांचकर्ताओं ने कहा कि कुमार ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर का नहीं, बल्कि अपने निजी सुरक्षा अधिकारी की रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया था।
पत्नी के नाम की संपत्ति
शव के पास मिली वसीयत के अनुसार, पूरन कुमार ने अपनी सारी संपत्ति पत्नी अमनीत पी. कुमार के नाम की है। वसीयत पर 6 अक्तूबर और सुसाइड नोट पर 7 अक्तूबर की तिथि दर्ज है। कुमार से हाल ही में एक आधिकारिक समारोह में मिले उनके कुछ दोस्तों एवं सहपाठियों ने कहा कि वह खुश लग रहे थे और उनमें तनाव या अवसाद के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे।