पिहोवा, 23 जून (निस)
टूटे-फूटे मकान व छत से टपकते पानी, गिरती कड़ियों से जानमाल के खतरे को भांपते हुए नन्हे ने सहायता की गुहार लगायी है। अपने माता-पिता व भाई के साथ गुहार लगाते हुए बच्चे ने कहा कि उनके मकान की मरम्मत के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाए ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें।
गांव बीबीपुर निवासी 8 वर्षीय बच्चे व उसके पिता करण व माता ने बताया कि उनका गांव में पुराना जर्जर मकान है। बरसात के समय उनके मकान की छत टपकती रहती है तथा बरसात का पानी घर में घुस जाता है। अनेक जहरीले कीड़े मकोड़े उनके मकान में घुस जाते हैं। छत के कड़ियां इतनी जर्जर हैं कि कभी भी गिर सकती हैं। उन्हें हर समय मौत का भय बना रहता है। उसका पिता बीमार रहता है। कभी-कभी मजदूरी कर लेता है। उनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। मकान की मरम्मत के लिए सरपंच से भी गुहार लगाई थी। परंतु सरपंच ने भी उनकी कोई मदद नहीं की।
वार्ड पार्षद आनंदपाल राणा ने बताया कि करण का मकान काफी जर्जर अवस्था में है तथा वह कभी भी गिर सकता है। वह भी प्रयत्न कर रहे हैं कि उसे किसी प्रकार की सहायता प्राप्त हो सके। वार्ड पार्षद ने भी सरकार से मांग की कि मकान की मरम्मत के लिए उसे सहायता राशि दी जाए ताकि वह भय से निकल कर अपना जीवनयापन कर सकें।