आठवें वेतन आयोग के गठन को केंद्र की मंजूरी
यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान के ऐन पहले लिया गया है। आयोग को स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी नौ माह पहले जनवरी, 2025 में दी गई थी।
वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं में संशोधन संबंधी सिफारिशें करेगा। आयोग को अपने गठन की तारीख से 18 माह के भीतर अंतिम रिपोर्ट और उससे पहले अंतरिम रिपोर्ट पेश करनी होगी। हालांकि, आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन ढांचे में बदलाव एक जनवरी, 2026 से प्रभावी होने का अनुमान है। लगभग 50 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 69 लाख पेंशनधारक लाभान्वित होंगे।
वेतन आयोग की अध्यक्षता करने जा रहीं जस्टिस देसाई इस समय भारतीय प्रेस परिषद की चेयरमैन हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की मसौदा समिति की अध्यक्ष रह चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्ति के बाद यह उनका चौथा प्रमुख कार्यभार होगा।
फरवरी 2014 में गठित हुआ था सातवां आयोग
आयोग की सिफारिशें लागू होने की तारीख के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा, ‘इसकी विशिष्ट तिथि अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद ही तय की जाएगी, लेकिन ज्यादा संभावना है कि यह एक जनवरी, 2026 से प्रभावी हो जाएंगी।’ आमतौर पर हर 10 वर्ष के अंतराल पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाती हैं। इस परिपाटी को देखते हुए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के भी जनवरी, 2026 से लागू किए जाने की संभावना है। सातवां वेतन आयोग फरवरी, 2014 में गठित हुआ था और उसकी सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की गई थीं।
