Ceasefire in Gaza Patti: इस्राइली मंत्रिमंडल ने दी बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की 'रूपरेखा' को मंजूरी
Ceasefire in Gaza Patti: इस्राइल के मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में युद्ध विराम और हमास द्वारा सभी शेष बंधकों की रिहाई की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। यह पश्चिम एशिया को अस्थिर करने वाले दो साल के विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी एक संक्षिप्त बयान में बताया गया कि मंत्रिमंडल ने बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की ‘‘रूपरेखा'' को मंजूरी दे दी है, हालांकि इसमें योजना के उन अन्य पहलुओं का उल्लेख नहीं किया गया है जो अधिक विवादास्पद हैं।
व्यापक युद्धविराम योजना में कई ऐसे प्रश्न शामिल हैं जिनके उत्तर नहीं मिले हैं जैसे कि हमास निरस्त्रीकरण करेगा या नहीं और यदि करेगा तो कैसे करेगा तथा गाजा पर शासन कौन करेगा। बहरहाल, दोनों पक्ष पिछले कुछ महीनों की तुलना में उस युद्ध को समाप्त करने के करीब दिखाई दिए जिसमें हजारों फलस्तीनी मारे गए, गाजा का अधिकतर हिस्सा मलबे में बदल गया और क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अकाल की स्थिति पैदा हो गई।
इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने घोषणा की कि वे एक व्यापक एवं अंतरराष्ट्रीय टीम के हिस्से के रूप में युद्धविराम समझौते का समर्थन और निगरानी करने के लिए इस्राइल में लगभग 200 सैनिक भेजेंगे। अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘यूएस सेंट्रल कमांड' इस्राइल में एक ‘‘असैन्य-सैन्य समन्वय केंद्र'' स्थापित करेगा जो दो साल से युद्ध से त्रस्त क्षेत्र में मानवीय सहायता के साथ-साथ रसद और सुरक्षा सहायता के प्रवाह को सुगम बनाने में मदद करेगा।
युद्ध की शुरुआत सात अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले से हुई जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस्राइल के जवाबी सैन्य हमले में हजारों फलस्तीनी मारे गए, गाजा तबाह हो गया और वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल मच गई। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में 67,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं और लगभग 170,000 घायल हुए हैं।
युद्ध शुरू होने के बाद से यह तीसरा युद्धविराम होगा। पहला युद्धविराम नवंबर 2023 में हुआ था जिसमें 100 से अधिक बंधकों को फलस्तीनी कैदियों के बदले रिहा किया गया था लेकिन युद्धविराम समझौता टिक नहीं पाया। दूसरी बार युद्धविराम उसी साल जनवरी और फरवरी में हुआ था। उस समय हमास ने लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों के बदले 25 इस्राइली बंधकों को रिहा किया गया था और आठ अन्य के शव सौंपे थे। इस्राइल की मार्च में एक अचानक बमबारी के साथ यह समझौता भी समाप्त हो गया था।
इस्राइली मंत्रिमंडल के शुक्रवार को मतदान करने से कुछ घंटे पहले तक इस्राइली हमले जारी रहे। फलस्तीनी नागरिक सुरक्षा के अनुसार, बृहस्पतिवार को उत्तरी गाजा में विस्फोट हुए तथा गाजा सिटी में एक इमारत पर हुए हमले में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग मलबे में दब गए।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 11 फलस्तीनियों के शवों को और 49 घायलों को अस्पताल लाया गया। एक इस्राइली सैन्य अधिकारी ने सैन्य दिशानिर्देशों के अनुसार नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस्राइल उन ठिकानों पर हमला कर रहा है जो उसके सैनिकों के लिए खतरा पैदा कर रहे थे।
हमास ने इस हमले को लेकर इस्राइल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि नेतन्याहू गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए मध्यस्थों के प्रयासों को ‘‘उलझाने और भ्रमित करने'' की कोशिश कर रहे हैं। हमास के प्रमुख वार्ताकार खलील अल-हय्या ने बृहस्पतिवार को एक भाषण में युद्धविराम समझौते के मुख्य तत्वों को रेखांकित किया कि इस्राइल लगभग 2,000 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, मिस्र के साथ सीमा को खोलेगा, सहायता सामग्री के प्रवाह की अनुमति देगा और गाजा से पीछे हटेगा।
खलील अल-हय्या ने बताया कि इस्राइली जेलों में बंद सभी महिलाओं और बच्चों को भी रिहा किया जाएगा। हय्या ने गाजा से इस्राइली सेना की वापसी की सीमा के बारे में कोई विवरण नहीं दिया। अल-हय्या ने कहा कि ट्रंप प्रशासन और मध्यस्थों ने आश्वासन दिया है कि युद्ध समाप्त हो गया है और हमास एवं अन्य फलस्तीनी गुट अब आत्मनिर्णय एवं एक फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमास के प्रमुख वार्ताकार ने कहा, ‘‘हम आज घोषणा करते हैं कि हम युद्ध और अपने लोगों के विरुद्ध आक्रमण को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर पहुंच गए हैं।
इस्राइल-हमास युद्ध विराम समझौता US राष्ट्रपति ट्रंप की चतुर चाल या शायद ‘गलतफहमी' के कारण हुआ
Israel-Hamas ceasefire agreement: कई महीनों के गतिरोध के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक चतुर चाल या शायद एक ‘गलतफहमी' के कारण गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध विराम कुछ दिनों में समझौता हो गया और दोनों पक्ष इस पर राजी हो गए। बुधवार को घोषित इस समझौते के तहत अंतिम 48 बंधकों कि रिहायी तय हुई है, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना है।
अमेरिका के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, समय के साथ हमास के लिए बंधक बोझ बन गए थे, जिससे समझौते का रास्ता खुला। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जारेड कुशनर के नेतृत्व में वार्ताकारों ने पाया कि ‘‘हमास अब थक चुका है।'' समझौते के बावजूद प्रमुख प्रश्न अब भी बने हुए हैं, जिसमें शासन और उस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के सवाल शामिल है जो काफी हद तक नष्ट हो गया है।
साथ ही यह भी सवाल है कि क्या हमास निरस्त्रीकरण करेगा, जो इस्राइल की प्रमुख मांग है और जिसे हमास ने अभी तक सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। सितंबर की शुरुआत में जब अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता वाली शांति वार्ताएं ठप पड़ी थीं तो इस्राइल ने कतर में हमास नेताओं पर हवाई हमला किया, जिससे पांच हमास सदस्यों और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी की मौत हुई।
इस घटना से खाड़ी देशों और अमेरिका में भारी नाराजगी फैल गई। ट्रंप ने तुरंत कतर से माफी मांगी क्योंकि यह हमला पश्चिम एशिया में शांति के उनके अभियान को नुकसान पहुंचा सकता था। दो सप्ताह बाद ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आठ मुस्लिम देशों के नेताओं से मुलाकात की और अपनी 20 सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की। योजना में हमास से सभी बंधकों की रिहाई, हथियार छोड़ने और सत्ता छोड़ने की मांग की गई थी।
ट्रंप ने चेतावनी दी कि ‘‘अगर यह अंतिम मौका असफल रहा, तो हमास पर ऐसा प्रहार होगा जैसा दुनिया ने कभी नहीं देखा होगा।'' कुछ घंटों बाद हमास ने जवाब, ‘‘हां, लेकिन...''। अमेरिका और इस्राइल इसे ‘‘ना'' मान सकते थे और इज़राइल की शर्तों पर युद्धविराम न हो पाने के लिए हमास को दोषी ठहरा सकते थे, जैसा कि उन्होंने पहले भी किया था।
इस्राइल गाजा शहर पर आक्रमण जारी रखने की कसम भी खा सकता था। लेकिन जब शुक्रवार देर रात हमास की प्रतिक्रिया आई, तो ट्रंप ने इसे शांति समझौते के लिए हमास की स्वीकृति माना और तुरंत गाजा पर बमबारी रोकने की अपील की। इस्राइल ने भी बंधकों की रिहाई के पहले चरण की तैयारी की घोषणा की। अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप की सोच पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अगर ट्रंप ने हमास के जवाब को गलत समझा, तो कोई भी उन्हें सही करना नहीं चाहता था। न तो हमास, जिसने उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था और न ही नेतन्याहू, जो उनके समझौते को बिगड़ते हुए नहीं दिखना चाहते थे। इस्राइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने बृहस्पतिवार को कहा कि ट्रंप का यह कदम चालाकी भरा लेकिन निर्णायक था। उन्होंने न केवल अवसर का लाभ उठाया बल्कि एक नया अवसर खुद पैदा कर दिया।