ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Caste Census: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किया जातीय जनगणना का समर्थन

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) Caste Census: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने राष्ट्रव्यापी जातीय जनगणना का समर्थन किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर इसके आंकड़े सार्वजनिक किए गए तो समाज...
Advertisement

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा)

Caste Census: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने राष्ट्रव्यापी जातीय जनगणना का समर्थन किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर इसके आंकड़े सार्वजनिक किए गए तो समाज में विभाजन पैदा होगा।

Advertisement

उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। एक साथ चुनाव कराने और यूसीसी लागू करने के मुद्दे भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल हैं।

‘पीटीआई' के संपादकों से बातचीत में उन्होंने यूसीसी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जब तक उनके सामने कोई मसौदा नहीं रखा जाता तब तक वह कोई रुख अख्तियार नहीं कर सकते। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोजपा (रामविलास) एक साथ चुनाव कराने का पुरजोर समर्थन करती है।

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर पासवान ने कहा, “हमारे पास अभी इसका मसौदा नहीं है। जब तक हम उस मसौदे पर विचार नहीं कर लेते तब तक कुछ कहना ठीक नहीं है, क्योंकि इसमें बहुत सारी चिंताएं हैं... भारत विविधताओं वाला देश है।”

उन्होंने कहा कि चाहे भाषा हो, संस्कृति हो या जीवनशैली, देश के विभिन्न क्षेत्रों में सब कुछ अलग-अलग है। उन्होंने सवाल किया कि "आप सभी को एक छतरी के नीचे कैसे ला सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि यद्यपि समान नागरिक संहिता पर बहस में अक्सर हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, लेकिन यह हिंदुओं के लिए भी है, क्योंकि उनकी प्रथाएं और परंपराएं, जिनमें विवाह से संबंधित प्रथाएं भी शामिल हैं, देश भर में भिन्न हैं।

पासवान ने कहा, "मुझे लगता है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को इससे बाहर रखा जा रहा है। तो आप उन्हें इस छतरी के नीचे कैसे ला सकते हैं? इसलिए जब तक मसौदा नहीं आता, मुझे नहीं लगता कि मैं इस सवाल का जवाब दे पाऊंगा।” उन्होंने कहा, "यह हिंदू-मुस्लिमों को बांटने की बात नहीं है। यह सभी को एक साथ लाने की बात है।”

पासवान ने कहा कि जाति आधारित जनगणना अगली जनगणना का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि समुदाय आधारित विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त धन आवंटन के लिए अक्सर विशिष्ट आंकड़ों की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि अदालतें भी कई बार विभिन्न जातियों की जनसंख्या के आंकड़े मांगती हैं। तीसरी बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे पासवान ने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े सरकार के पास ही रखे जाने चाहिए और सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं इन्हें सार्वजनिक करने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं हूं। इससे समाज में विभाजन ही पैदा होता है।”

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों का खुलासा करने के बाद अब राज्य में लोगों को कुल जनसंख्या में उनकी जातियों के प्रतिशत के आधार देखा जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल कहा था कि नयी सरकार बनते ही जनगणना और परिसीमन किया जाएगा। गत जून माह में नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी। भाजपा ने बिहार में जातीय जनगणना का समर्थन किया था, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक जाति के आधार पर राष्ट्रवार जनगणना की विपक्ष की मांग पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या पहले की तुलना में कम बहुमत के साथ सत्ता पर आसीन राजग के लिए देश में एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान लागू करना संभव होगा, इस पर पासवान ने कहा, “हां, बिल्कुल। क्यों नहीं?” उन्होंने कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव एक ऐसा मुद्दा है जिसका मैंने और मेरी पार्टी ने बहुत दृढ़ता से समर्थन किया है। हमने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को अपने सुझाव दिए थे। हम चर्चा के लिए अंतिम मसौदे के आने का इंतजार कर रहे हैं।”

Advertisement
Tags :
Caste CensusChirag PaswanHindi NewsIndian Politicsuccचिराग पासवानजातीय जनगणनाभारतीय राजनीतियूसीसीहिंदी समाचार