बिहार में भाजपा-जदयू 101-101 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव
विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे पर बनी सहमति
नयी दिल्ली रविवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा।
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बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 243 सदस्यीय विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए रविवार को सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया। इसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। बाकी सीटों पर छोटे सहयोगी दल अपने उम्मीदवार उतारेंगे। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के ‘एक्स' हैंडल पर यह घोषणा की गई। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। 15 सीटें मांग रही केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को केवल छह सीटें दी गई हैं, जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा को भी छह सीटें मिली हैं।झा, चौधरी और पासवान पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। वे इस बात पर एकमत थे कि सीट के लिए सहमति सौहार्दपूर्ण वातावरण में बनी। मांझी के बारे में अफवाह थी कि वे इस फॉर्मूले से नाखुश हैं। उन्होंने अपने ‘एक्स' हैंडल पर पोस्ट किया कि वह पटना लौट रहे हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं अपनी अंतिम सांस तक पीएम नरेंद्र मोदी के साथ रहूंगा।' कुशवाहा की पार्टी को छोड़कर एनडीए के अन्य सभी घटक दल 2020 के चुनाव में लड़े गए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या से कम सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए हैं।
जदयू और हम को पिछली बार से कम सीटें
पिछले चुनाव में जद (यू) को सबसे अधिक 115 सीट दी गई थीं। भाजपा को 110 और मांझी की पार्टी को सात सीटें दी गई थीं। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहे पासवान की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और 135 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। माना जाता है कि जदयू ने 2020 में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए इस बार सीट के मामले में बड़ी हिस्सेदारी पर जोर नहीं दिया। साल 2020 के चुनाव में उसने केवल 43 सीट पर जीत दर्ज की थी। यह भाजपा की 74 सीट से काफी कम था।
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