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Bajinder Singh 'चर्च' में सन्नाटा: न पास्टर, न प्रार्थना, फिर भी चालू है ‘चमत्कारों’ की दुकान”

ताजपुर गांव में 'ग्लोरी और विज़डम' की खामोशी
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'चर्च ऑफ विज़डम एंड ग्लोरी' का अंदरूनी दृश्य। ट्रिब्यून फोटो: मलकीयत सिंह
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दीपकमल कौर/ट्रिन्यू

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ताजपुर (जालंधर), 3 अप्रैल

Bajinder Singh जालंधर से महज 8.5 किलोमीटर दूर स्थित ताजपुर गांव में ‘चर्च ऑफ विज़डम एंड ग्लोरी’ नाम की एक जगह है, लेकिन इसके बाहर कोई नेमप्लेट या साइनबोर्ड नहीं है। 5 एकड़ में फैले इस परिसर में न तो कोई धार्मिक प्रतीक है, न ही कोई तस्वीरें जो यह साबित कर सकें कि यहां आध्यात्मिक गतिविधि होती है। यहां तक कि बैठने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। यह वही जगह है जहां स्वयंभू ईसाई प्रचारक पास्टर बजिंदर सिंह, जिसे हाल ही में मोहाली कोर्ट ने यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई, अपनी सभाएं करता था।

बजिंदर सिंह'

परिसर की चारदीवारी के भीतर कुछ स्थायी खंभे लगे हैं और कुछ सीमेंट के शेड हैं। बाहर बने शौचालयों के पास कुछ अधेड़ महिलाएं दिखती हैं। बजिंदर के अनुयायी अब भी परिसर में आते-जाते रहते हैं।

ऑनलाइन 'भविष्यवाणी' बैठक, परिवार ने संभाला मोर्चा

तीन अप्रैल को ‘प्रॉफेट बजिंदर सिंह मिनिस्ट्री’ की ओर से एक भविष्यवाणी बैठक का कार्यक्रम तय था। लेकिन अब यह बैठक ऑनलाइन ही हो रही है। स्टाफ के कुछ सदस्यों के अनुसार, “अब यह कार्यक्रम पास्टर के भाई दविंदर सिंह और बेटी एकता द्वारा संचालित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया से जुड़ सकता है। ‘पापाजी’ (बजिंदर) अब रविवार सुबह यहां और शाम को न्यू चंडीगढ़ में ही लोगों से मिलते थे, लेकिन अब यह जिम्मेदारी परिवार ने संभाल ली है।”

सोशल मीडिया पर 'चमत्कारों' का प्रचार

बैठक के लिए सोशल मीडिया संदेश में लिखा था कि इसमें शामिल होने वाले लोगों को PR, नया व्यवसाय, सरकारी नौकरी, स्वास्थ्य लाभ और विवाह संबंधों में सफलता मिलेगी। जबकि बजिंदर जेल में है, उसकी मीडिया टीमें अब भी सक्रिय हैं और उसके ‘चमत्कारों’ की गवाही देतीं वीडियो-गवाहियां लगातार साझा की जा रही हैं।

एक अनुयायी का बयान

कंचन नाम की महिला, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी से होने का दावा करती है, कहती है, “हमने इस डेरा में शरण ली और सारी समस्याएं दूर हो गईं। हमें ईश्वर का भेजा हुआ आदमी मिला।”

चमत्कारों का दावा, विवादों का इतिहास

बजिंदर सिंह ने 2016 के आसपास जालंधर में अपना चर्च शुरू किया था। उसने चमत्कारी तेल, पवित्र जल और भविष्यवाणियों के जरिए इलाज का दावा किया। उसका दावा था कि वह अंधों को दृष्टि और बीमारों को ठीक कर सकता है। हरियाणा के यमुनानगर से संबंध रखने वाले बजिंदर ने हमेशा हिंदी में प्रचार किया, जिससे उसे यूपी और बिहार से भी अनुयायी मिले।

ईसाई समुदाय में मतभेद

कुछ कैथोलिक नेता जैसे जालंधर के टारसेम पीटर कहते हैं, “जब सरकारें गरीब तबकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचा पातीं, तो ऐसे डेरों को बढ़ने का मौका मिलता है। मैंने पहले ही आशंका जताई थी कि ईसाई डेरों का हाल भी बाकी धर्मों जैसे होगा।”

हालांकि कुछ लोग, जैसे फोलड़ीवाल गांव के पूर्व सरपंच सूरज मसीह और पंजाब क्रिश्चियन मूवमेंट के प्रमुख हामिद मसीह, बजिंदर की गिरफ्तारी को “ईसाई धर्म पर हमला” बताते हैं।

विवादों में रहा पास्टर

बजिंदर पर यौन शोषण का केस 2018 में दर्ज हुआ था। इससे पहले भी उस पर हत्या का केस था, जहां वह दावा करता है कि उसने जेल में ही ईसा मसीह को स्वीकार किया। 2022 में दिल्ली की एक बच्ची के इलाज के नाम पर 50,000 रुपये लेने का आरोप भी उस पर लगा, जहां बच्ची की मौत हो गई थी।

2023 में आयकर विभाग ने उसके चर्चों पर छापा मारकर दो करोड़ रुपये बरामद किए। हाल ही में उस पर एक महिला से मारपीट का भी केस दर्ज हुआ।

भविष्यवाणी खुद पर नहीं चली?

उसके समर्थक मानते हैं कि वह जल्दी रिहा हो जाएगा, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में वह एक हत्या आरोपी की जल्दी रिहाई की भविष्यवाणी करता नजर आता है। अब लोग उसी से पूछ रहे हैं—क्या उसे अपनी ही गिरफ्तारी की भनक नहीं लगी? अब जब वह जेल में है, तो उसका परिवार और टीम उसके ‘मिशन’ को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है—बजिंदर के बिना बजिंदर का डेरा।

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