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अमेरिका ने भारत से कहा, यूक्रेन संघर्ष के किसी भी समाधान में उसकी संप्रभुत्ता का सम्मान हो

वाशिंगटन, नौ जुलाई (भाषा) India America relations: अमेरिका ने कहा कि उसने भारत से रूस को यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि यूक्रेन में संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता...
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मॉस्को, रूस के बाहर नोवो-ओगारियोवो निवास पर एक अनौपचारिक बैठक के दौरान चलते हुए। एपी/पीटीआई
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वाशिंगटन, नौ जुलाई (भाषा)

India America relations: अमेरिका ने कहा कि उसने भारत से रूस को यह स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि यूक्रेन में संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुत्ता का सम्मान होना चाहिए। अमेरिका ने कहा कि भारत एक रणनीति साझेदार है जिसके साथ वह पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करता है।

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विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस की यात्रा तथा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बैठकों के बारे में पूछा गया था जिस पर उन्होंने यह जवाब दिया।

मिलर ने कहा, ‘‘भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं। इसमें रूस के साथ उनके संबंधों को लेकर हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।''

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम भारत से यह स्पष्ट करने का अनुरोध करेंगे कि यूक्रेन में संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान होना चाहिए, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुत्ता का सम्मान होना चाहिए।''

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री मोदी की सार्वजनिक टिप्पणियों का इंतजार करूंगा कि उन्होंने क्या बात की। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने भारत से रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है। इसलिए हम उम्मीद करेंगे कि भारत और कोई भी अन्य देश, जब वे रूस के साथ बातचीत करें, तो यह स्पष्ट करेंगे कि रूस को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करना चाहिए, यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।''

रूस के साथ अपनी ‘विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी' का भारत पुरजोर बचाव करता रहा है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गर्मजोशी बनी रही है। रूस के साथ अपनी मजबूत दोस्ती को इंगित करते हुए भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है।

भारत यह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। पुतिन ने सोमवार रात अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो' पर एक ‘निजी मुलाकात' के लिए मोदी का स्वागत किया।

इस दौरान उन्होंने देश की प्रगति के वास्ते किए गए कार्यों के लिए मोदी की तारीफ की। यह दो साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा है।

यूक्रेन पर मॉस्को का आक्रमण शुरू होने के बाद रूस की पहली यात्रा के तहत यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मंगलवार को शिखर वार्ता करेंगे। इस यात्रा को व्यापक भू-राजनीतिक संदर्भ और संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

मॉस्को पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए उत्सुक हैं और भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों से ‘‘हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा।'' प्रधानमंत्री ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए ‘‘सहायक भूमिका'' निभाना चाहता है।

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