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अमेरिका ने कहा, भारत पुतिन से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध बंद करने को कहे

मिलवाउकी (अमेरिका), 16 जुलाई (भाषा) Russia Ukraine War: रूस के साथ भारत के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए अमेरिका ने कहा है कि उसने नयी दिल्ली से आग्रह किया है कि वह मॉस्को के साथ अपने संबंधों का ‘‘इस्तेमाल...
सांकेतिक फोटो।
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मिलवाउकी (अमेरिका), 16 जुलाई (भाषा)

Russia Ukraine War: रूस के साथ भारत के पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए अमेरिका ने कहा है कि उसने नयी दिल्ली से आग्रह किया है कि वह मॉस्को के साथ अपने संबंधों का ‘‘इस्तेमाल कर'' रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के खिलाफ ‘‘अवैध युद्ध'' को समाप्त करने की अपील करे।

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत के रूस के साथ बहुत पुराने संबंध हैं। मुझे लगता है कि यह बात सभी को पता है। हमने भारत को प्रोत्साहित किया है कि वह रूस के साथ इन पुराने संबंधों, अपनी अनूठी स्थिति का इस्तेमाल करे और राष्ट्रपति पुतिन से अपने अवैध युद्ध को समाप्त करने, इस संघर्ष में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति हासिल करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह करे।''

मिलर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हम भारत सरकार के समक्ष इस बात पर लगातार जोर देते रहेंगे। भारत रूस के साथ संबंधों के मामले में हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है।''

मिलर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूस से रवाना होने के तुरंत बाद नौ जुलाई को भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आठ- नौ जुलाई को दो दिन रूस में थे।

यूक्रेन में जारी संघर्ष के बीच उनकी इस यात्रा पर पश्चिमी देशों की भी करीबी नजर रही। यह दो साल से अधिक समय पहले यूक्रेन पर किए गए रूस के आक्रमण के बाद मोदी की पहली रूस यात्रा थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में युद्ध की पृष्ठभूमि में नौ जुलाई को पुतिन से कहा था कि बम, बंदूकों एवं गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती और किसी संघर्ष का कोई समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है।

भारत रूस के साथ अपनी ‘‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी'' का दृढ़ता से बचाव करता रहा है और उसने यूक्रेन में युद्ध के बावजूद रूस के साथ संबंधों में गति बनाए रखी है। भारत ने 2022 में यूक्रेन पर किए गए रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है और उसने निरंतर वार्ता एवं कूटनीति के जरिए संघर्ष के समाधान की वकालत की है।

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