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अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की जमानत याचिका खारिज

आय से अधिक संपत्ति का मामला
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि उनके द्वारा जांच को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

आदेश सुनाते हुए जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने हालांकि, पंजाब सतर्कता ब्यूरो को तीन महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि इसके बाद याचिकाकर्ता जमानत पर रिहाई की मांग कर सकता है। उन्होंने कहा कि अदालत इस तथ्य से अवगत है कि याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता, क्योंकि इससे उसकी स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा। पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें 540 करोड़ रुपये के “ड्रग मनी” के कथित शोधन का आरोप था। उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। ‘ड्रग मनी' से आशय अवैध मादक पदार्थों के उत्पादन, वितरण और बिक्री जैसी आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त रकम से होता है। मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा 2021 के मादक पदार्थ के एक मामले में की जा रही जांच से उपजी है। आदेश सुनाते हुए अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि याचिकाकर्ता पंजाब की प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं और सात साल से अधिक समय तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं। मजीठिया पटियाला की नई नाभा जेल में बंद हैं। मोहाली की एक अदालत ने अगस्त में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

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