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बीच आसमान एयर इंडिया विमान में चल पड़ा आपात सिस्टम

इंजन-इलेक्ट्रिकल प्रणाली फेल होने की दहशत के बीच बर्मिंघम में उतरा सुरक्षा, अमृतसर से उड़ा था 787 बोइंग
सांकेतिक चित्र।
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अहमदाबाद में एयर इंडिया ड्रीमलाइनर दुर्घटना में 260 लोगों की मौत के चार महीने बाद, इसी मॉडल के एक अन्य विमान में उड़ान के दौरान खतरा खड़ा हो गया। शनिवार को अमृतसर से बर्मिंघम जा रहे बोइंग 787 विमान में लैंडिंग के दौरान आपातकालीन ‘रैम एयर टर्बाइन’ (आरएटी) अप्रत्याशित रूप से सक्रिय हो गया। यह ऐसा सिस्टम है, जो केवल तभी सक्रिय होता है जब दोनों इंजन या विद्युत प्रणालियां विफल हो जाती हैं। यह आपातकालीन ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हवा की गति का उपयोग करता है। गनीमत रही कि विमान सुरक्षित रूप से उतर गया।

इस घटना के बाद, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पत्र लिखकर सभी ड्रीमलाइनर विमानों का व्यापक, देशव्यापी निरीक्षण करने की मांग की है। उन्होंने इस घटना को बेहद चिंताजनक और नियामक के लिए चेतावनी बताया है। एफआईपी ने कहा कि यह खराबी गहरी प्रणालीगत खामियों की ओर इशारा करती है, जो जून में हुई दुर्घटना से जुड़ी हो सकती हैं।

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एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘चार अक्तूबर को अमृतसर से बर्मिंघम जा रही उड़ान संख्या एआई117 के संचालक दल को विमान के उतरने के दौरान ‘रैम एयर टर्बाइन’ के सक्रिय होने का पता चला। सभी विद्युत और हाइड्रोलिक पैरामीटर सामान्य पाए गए और विमान बर्मिंघम में सुरक्षित रूप से उतरा। विमान को आगे की जांच के लिए रोकने के कारण बर्मिंघम-दिल्ली उड़ान रद्द कर दी गई।’

विमानन नियामक को लिखे पत्र में एफआईपी ने उल्लेख किया कि खराबी तब हुई, जब बर्मिंघम पहुंचते समय लगभग 500 फुट की ऊंचाई पर रैम एयर टर्बाइन अपने आप सक्रिय हो गया। पत्र में कहा गया है, ‘इस घटना में एयरक्राफ्ट हेल्थ माॅनिटरिंग सिस्टम को ‘बस पावर कंट्रोल यूनिट’ में एक खराबी मिली, जिसके कारण आरएटी स्वचालित रूप से चालू हो गया होगा।’

अहमदाबाद में जून में हुए विमान हादसे के कई संभावित कारणों में इंजन या हाइड्रोलिक/ इलेक्ट्रिकल विफलता या सॉफ्टवेयर की खराबी को भी शामिल किया जा रहा है। पत्र में कहा गया है, ‘बी-787 विमानों में कई दुर्घटनाएं हुई हैं। हमने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) के समक्ष देश के सभी बी-787 विमानों की विद्युत प्रणाली की गहन जांच करने का मुद्दा उठाया है।’

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