उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फटने से आई बाढ़ में पूरा धराली गांव बह गया। इसमें चार लोग मारे गए और कई लापता हो गए। निचले हरसिल इलाके में एक सैन्य शिविर से 10 भारतीय सैनिक लापता बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि कीचड़, मलबा और ढही हुई इमारतों को साफ करने के बाद मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस राहत कार्य में जुटी है।
आपदा दोपहर 1.45 बजे आई, जब बादल फटने और उसके बाद अचानक आई बाढ़ के कारण भटवाड़ी तहसील के पास खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इससे मलबे, पत्थरों और पानी का तेज बहाव आया, जिसमें धराली गांव में होटल, दुकानें और घर बह गए। एक प्रत्यक्षदर्शी के बनाए वीडियो में कीचड़ भरी नदी का उफान धराली गांव के बाजार और रिहायशी इलाकों को चीरता हुआ दिखाई दिया। बाढ़ के पानी में मकान ताश के पत्तों की तरह गिरते नजर आए। लोग अचानक आई बाढ़ से बचने के लिए इधर-उधर भागते दिखे, लेकिन वे बच नहीं पाए और मलबे और पानी के साथ बह गए।
एसडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार, एम्स देहरादून में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं और एम्बुलेंस को घटनास्थल पर भेज दिया गया है। हवाई निगरानी और संभावित निकासी के लिए वायु सेना को अलर्ट पर रखा गया है। इस अचानक आई बाढ़ के कारण हर्षिल के पास भागीरथी नदी पर एक अस्थायी झील भी बन गई है, जिससे निचले इलाकों में फिर बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है। इसके चलते पुलिस ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की एडवाइजरी जारी की है। इन सबके बीच राहत कार्य जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत एवं बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए देहरादून स्थित राज्य आपदा संचालन केंद्र में राज्य सरकार और बचाव एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। राज्य सरकार ने अगले आदेश तक उत्तरकाशी ज़िले में तीन आईएएस अधिकारियों को भी तैनात किया है। रात होते-होते, सर्चलाइट्स की रोशनी में बचाव अभियान जारी रहा। उधर, जोशीमठ स्थित आर्मी ब्रिगेड में तैनात ब्रिगेडियर मंदीप ढिल्लों ने बताया कि भूस्खलन और बादल फटने की घटना से सेना का शिविर और सेना की बचाव टुकड़ियां भी प्रभावित हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंन कहा कि धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं और कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बचे हुए लोगों को बचाना और तत्काल राहत पहुंचाना है।
सेेना-आईटीबीपी ने 50 से ज्यादा लोगों को बचाया
सेना का हर्षिल कैंप घटनास्थल से केवल चार किलोमीटर दूर है। इस कारण सेना के करीब 150 जवान 10 मिनट में ही वहां पहुंच गए और 20 लोगों को बचा लिया। कई जगह सेना के जवानों ने रस्सी के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सेना द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो में हर जगह मलबा दिखाई दे रहा है। एसडीआरएफ की 50 जवानों की विशेषज्ञ टीम भी राहत और बचाव कार्यों में जुटी है। आईटीबीपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके 37 ग्रामीणों को बचाया और उन्हें कोपांग में आईटीबीपी की सीमा चौकी तक सुरक्षित पहुंचाया। इनमें 11 महिलाएं, 4 बच्चे और 22 पुरुष शामिल हैं।
लोगों ने सीटी बजाकर दिया संकेत, पर नहीं बची जानें
धराली के पास स्थित मुखबा गांव के प्रत्यक्षदर्शी सुभाष चंद्र सेमवाल (60) ने बताया कि जब हमने खीरगंगा में भारी मात्रा में पानी बहकर नीचे की ओर आते देखा तो हम सब पहले तो घबरा गए, फिर हमने धराली बाजार में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए सीटियां बजायीं और चिल्ला-चिल्ला कर उन्हें वहां से भागने को कहा।’ उनकी आवाज सुनकर कई लोग होटल से निकलकर भागे भी, लेकिन बाढ़ का वेग इतना तेज था कि देखते ही देखते वे सब उसमें समा गए और सब कुछ वहीं दफन हो गया।
हिमाचल में भी खतरा, भारी बारिश का अलर्ट
शिमला (हप्र) : हिमाचल प्रदेश में भी आसमानी आफत का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के सभी 12 जिलों चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, मंडी, ऊना, बिलासपुर, किन्नौर, सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है। इस बीच, ‘किन्नर कैलाश’ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।