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98 साल के किसान ने 3 साल में जीती मुआवजे की जंग

जींद जिले के भैरो खेड़ा गांव के 98 वर्ष के किसान चंद्र ने उम्र के अंतिम पड़ाव में आकर भी जलभराव से खराब हुई अपनी गेहूं की फसल के मुआवजे की लड़ाई 6 साल बाद जीत ली। भैरो खेड़ा गांव...
किसान चंद्र सिंह अपने वकील रणबीर पहलवान के साथ। -हप्र
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जींद जिले के भैरो खेड़ा गांव के 98 वर्ष के किसान चंद्र ने उम्र के अंतिम पड़ाव में आकर भी जलभराव से खराब हुई अपनी गेहूं की फसल के मुआवजे की लड़ाई 6 साल बाद जीत ली। भैरो खेड़ा गांव के किसान चंद्र ने 12 दिसंबर 2019 को अपनी 10 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल का बीमा पीएम फसल बीमा योजना के तहत करवाया था। इसके लिए उसने 4342 रुपए की राशि प्रीमियम के रूप में बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा करवाई थी। बाद में उसकी गेहूं की फसल जलभराव के कारण खराब हो गई थी। चंद्र सिंह ने खराब हुई अपनी गेहूं की फसल के मुआवजे के लिए कृषि विभाग से लेकर बीमा कंपनी का दरवाजा कई बार खटखटाया, मगर उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। अंत में उसने 2022 में जिला उपभोक्ता कमीशन का दरवाजा खटखटाया। 3 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब आकर 98 साल के चंद्र सिंह ने मुआवजे की लड़ाई जीती है। इसमें जिला उपभोक्ता कमीशन के चेयरमैन एके सरदाना की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश जारी किए हैं कि बीमा कंपनी किसान चंद्र सिंह को 257418 रुपए की राशि का भुगतान खराब हुई गेहूं की फसल के मुआवजे के रूप में करेगी। साथ ही बीमा कंपनी किसान चंद्र सिंह को 20000 रुपए की राशि कानूनी खर्च और मानसिक परेशानी के हर्जाने के रूप में देगी।

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