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हरियाणा जेल के 98 प्रतिशत कर्मचारी मुख्य विभागीय परीक्षा में फेल

क्रिमिनल लॉ पेपर में 75%, पंजाब जेल मैन्युअल के पेपर में 56 फीसदी रहे असफल
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हरियाणा जेल स्टाफ के लिए आयोजित विभागीय परीक्षाओं के नतीजे निराशाजनक रहे, जिनमें अधिकांश उम्मीदवार प्रमुख विषयों में अनुत्तीर्ण रहे। इन कर्मचारियों में अधीक्षक, उपाधीक्षक, सहायक अधीक्षक और उप-सहायक अधीक्षक शामिल है। इसी साल मार्च में आयोजित परीक्षा में सबसे खराब प्रदर्शन वित्तीय नियमों के पेपर में रहा, जिसमें 41 में से 40 (98 प्रतिशत) उम्मीदवार फेल हो गये। सिर्फ एक जेल उपाधीक्षक पास हुआ

इन परीक्षाओं में असफल होने पर वेतन वृद्धि में देरी हो सकती है और पदोन्नति में बाधा आ सकती है। गृह (जेल विभाग) द्वारा 7 अगस्त को जारी किए गए परिणामों के अनुसार परीक्षा में शामिल हुए 41 जेल कर्मचारियों में से 23 (56 प्रतिशत से ज़्यादा) पंजाब जेल मैनुअल के पेपर में फेल हो गए। जेल मैनुअल पेपर में 26 कर्मचारी शामिल हुए थे और 13 (50 प्रतिशत) फेल हो गए। ‘उच्चतर मानक उत्तीर्ण’ श्रेणी में केवल दो ही पास हुए।

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क्रिमिनल लॉ पेपर में 24 कर्मचारियों में से 18 फेल हो गए, यानी 75 प्रतिशत फेल होने की दर। पास हुए 6 कर्मचारियों में से 5 ‘निम्नतर मानक उत्तीर्ण’ श्रेणी में और एक ‘उच्चतर मानक उत्तीर्ण’ श्रेणी में था।

हालांकि राज्य में लोग हिंदी बोलते हैं, फिर भी हिंदी परीक्षा में बैठने वाले 50 प्रतिशत कर्मचारी भाषा की परीक्षा में असफल रहे। 32 कर्मचारी परीक्षा में शामिल हुए थे और 16 असफल रहे। 8 ‘उच्चतर स्तर’ में और 8 ‘निम्नतर स्तर’ में उत्तीर्ण हुए।

हरियाणा कारागार की वेबसाइट पर अपलोड किए गए पंजाब विभागीय परीक्षा नियम 1965 के अनुसार, परीक्षा उत्तीर्ण करने के दो मानक हैं: उच्चतर और निम्नतर। यदि कोई उम्मीदवार अधिकतम अंकों के कम से कम दो-तिहाई अंक प्राप्त करता है, तो उसे ‘उच्चतर मानक’ में उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। यदि वह अधिकतम अंकों के कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करता है, तो उसे ‘निम्नतर मानक’ में उत्तीर्ण घोषित किया जाता है। यदि कोई उम्मीदवार अधिकतम अंकों के तीन-चौथाई या उससे अधिक अंक प्राप्त करता है, तो उसे पेपर में क्रेडिट के साथ उत्तीर्ण घोषित किया जाता है।

डीजीपी जेल आलोक कुमार रॉय से टिप्पणी के लिए फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। एक जेल अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि काम करते हुए परीक्षा की तैयारी करना मुश्किल होता है, हालांकि पेपर पास करने के मौके ज़रूर मिलते हैं।

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