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राहुल-प्रियंका समेत 30 सांसदों को हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा

वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ विपक्ष ने दिखाई एकजुटता, संसद से निकाला मार्च
नयी दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिये जाने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए। -एएनआई
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया। मार्च निकाल रहे विपक्षी दलों के 30 से अधिक सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष शामिल हैं। विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने केवल 30 सांसदों को ही अपने परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में थे। पुलिस ने कहा कि किसी ने भी निर्वाचन आयोग से विरोध मार्च की अनुमति नहीं मांगी थी। विपक्षी नेताओं ने संसद भवन स्थित मकर द्वार से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी, जहां वे आयोग को एसआईआर मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे।

विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने के साथ ही यह भी कहा कि देश साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहता है और चुनाव आयोग ‘चुराव आयोग’ नहीं हो सकता। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी संविधान विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों के नेता बन गए हैं। विरोध प्रदर्शन में शरद पवार ने भी हिस्सा लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं को संसद मार्ग थाने ले जाया गया, जहां पुलिस ने बाद में उन्हें छोड़ दिया। प्रदर्शन के दौरान 2 महिला सांसद बेहोश हो गईं।

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राहुल गांधी ने कहा, ‘सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति एक वोट’ की लड़ाई है। हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।’ संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर विपक्षी सांसद सड़क पर ही बैठ गए और नारेबाजी की। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पुलिस के रोके जाने के बाद बैरीकेड फांदकर दूसरी तरफ चले गए। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और सागरिका घोष, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर खड़ी हो गईं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी मार्च का हिस्सा बने। राहुल गांधी नारेबाजी कर रहे सांसदों को पानी की बोतल वितरित करते दिखे। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी थी।

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