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कुल्लू घाटी से सुरक्षित निकाले 2500 पर्यटक वाहन; चंद्रताल में फंसे टूरिस्ट, बचाव टीम रवाना

15 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में फिर येलो अलर्ट

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हिमाचल प्रदेश के मनाली में बुधवार को लगातार बारिश के कारण आयी बाढ़ के बाद क्षतिग्रस्त सड़क।-एएनआई
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ज्ञान ठाकुर/निस

शिमला, 12 जुलाई

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हिमाचल प्रदेश में 3 दिन तक हुई भारी वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ के बाद सामान्य जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त है। हालांकि बाढ़ और भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित कुल्लू जिले के कुछ हिस्सों में बीती रात बिजली आपूर्ति और मोबाइल फोन सेवाएं बहाल होने से लोगों, खासकर पर्यटकों को राहत मिली है। आज लाहौल स्पीति के चंद्रताल झील इलाके में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए जमीन व आसमान से जारी अभियान फिर से आरंभ हो गया है। इन पर्यटकों को निकालने के लिए स्पीति की ओर से जहां सड़क मार्ग से अभियान आरंभ किया गया है, वहीं वायुसेना का हेलीकाॅप्टर भी फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रयासरत है। इस बीच, मौसम विभाग ने आज से राज्य में मानसून की वर्षा संबंधी गतिविधियों में कमी आने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार 14 जुलाई से प्रदेश में मानसून से जुड़ी गतिविधियों में फिर से तेजी आएगी। विभाग ने 15 जुलाई को प्रदेश में फिर से भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। एडीसी काजा राहुल जैन के अनुसार अभी तक 12 किलोमीटर रोड बहाल किया जा चुका है जबकि 25 किलोमीटर सड़क से बर्फ हटानी शेष है। उन्होंने कहा कि कुंजुम दर्रे से होते हुए एक सन्देश वाहक पैदल टीम चंद्रताल टैंट कैम्प में पहुंच गई है। ये टीम चंद्रताल में फंसे पर्यटकों का हौसला बढ़ाने के लिए गई है ताकि उन्हें ये बताया जा सके कि सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए प्रयासरत है। राहुल जैन ने कहा कि चंद्रताल में फंसे सभी पर्यटक सुरक्षित हैं। कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि बीती रात कुल्लू-मनाली और आसपास के कुछ इलाकों के लिए सड़क संपर्क बहाल कर दिए जाने के बाद लगभग 2500 पर्यटक वाहन घाटी से बाहर निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि कसोल और पार्वती घाटी के लिए सड़क संपर्क बहाल करने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों के लिए पेयजल आपूर्ति करने वाली योजनाओं के लगातार बंद रहने के चलते शहर में आज पांच दिन बाद भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। शहर की भट्टाकुफर फल मंडी में बीती रात भूस्खलन हुआ। इस भूस्खलन में फल मंडी की छत टूट गई। सोलन जिले में एक दिन की राहत के बाद आज फिर सुबह से भारी वर्षा हो रही है। जिले में बीते पांच दिनों के दौरान हुई भारी वर्षा से अभी भी 100 से अधिक सड़कें अवरूद्ध हैं। सोलन के साथ लगते शामती क्षेत्र में 10 घरों में दरारें आ जाने के चलते प्रशासन ने उन्हें बीती रात खाली करवा दिया।

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मणिकर्ण और बंजार में अभी भी फंसे है 7000 पर्यटक वाहन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मणिकर्ण, बंजार और अन्य स्थानों पर अभी भी लगभग 7000 वाहन फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक कुल्लू घाटी से 50 प्रतिशत से अधिक फंसे पर्यटकों को सुरक्षित प्रदेश से बाहर भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी लाहौल-स्पीति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए आरंभ किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करेंगे।

एक एनएच, 873 सड़कें बन्द

शिमला-कालका सड़क पर यातायात आरंभ कर दिया गया है। हालांकि अनेक स्थानों पर सड़क धंस जाने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते बार-बार यातायात बाधित भी हो रहा है। चंडीगढ़-मनाली सड़क पर वाया कटौला और कुल्लू के लेफ्ट बैंक होकर यातायात बीती रात से बहाल है। भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से अभी भी एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 873 सड़कें बंद हैं।

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