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Wriddhiman Saha Retirement : भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने लिया संन्यास, कहा- क्रिकेट ने दिए खुशी के पल

2010 में पदार्पण करने के बाद 40 टेस्ट और नौ एकदिवसीय मैच खेले
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कोलकाता, एक फरवरी (भाषा)

भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने पंजाब के खिलाफ बंगाल के लिए अपना अंतिम रणजी ट्रॉफी मैच खेलने के बाद यहां प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। 40 साल के साहा ने अपने शानदार करियर के दौरान भारत के लिए 2010 में पदार्पण करने के बाद 40 टेस्ट और नौ एकदिवसीय मैच खेले हैं।

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उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बंगाल और त्रिपुरा के लिए कुल मिलाकर 142 प्रथम श्रेणी और 116 लिस्ट ए मैच खेले हैं। साहा ने एक्स पर लिखा, ‘‘जब मैंने 1997 में पहली बार क्रिकेट के मैदान पर कदम रखा था तब से 28 साल हो गए हैं, और यह यात्रा शानदार रही है। अपने देश, राज्य, जिले, क्लब, विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है।''साहा ने अपने जीवन पर क्रिकेट के प्रभाव पर कहा, ‘‘आज मैं जो कुछ भी हूं, हर उपलब्धि, हर सीखा हुआ सबक, मैं इन सबका श्रेय इस अद्भुत खेल को देता हूं। क्रिकेट ने बेहद खुशी के पल, अविस्मरणीय जीत और अमूल्य अनुभव दिए हैं।

इसने मेरी परीक्षा भी ली है और मुझे उससे निपटना के बारे में भी सिखाया है। उन्होंने कहा, ‘‘उतार-चढ़ाव, जीत और हार ने इस यात्रा ने मुझे वह बना दिया है जो मैं हूं। सभी चीजों का अंत होना ही है, इसलिए मैंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है। साहा ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। वह 2014 में एमएस धोनी के संन्यास लेने के बाद और ऋषभ पंत के आने से पहले भारतीय टीम के नियमित सदस्य थे। यह अनुभवी खिलाड़ी अपने आखिरी रणजी मैच में खाता खोले बगैर आउट हो गया लेकिन उनकी टीम बंगाल ने पंजाब को एक पारी और 13 रनों से हरा कर उनके लिए इस मैच को यादगार बना दिया। मैच के बाद उनके साथियों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया।

कोच, खिलाड़ी और प्रशासकों का शुक्रिया अदा किया

भारत के लिए तीन शतक और छह अर्धशतक लगाने वाले साहा ने कहा कि अब एक नया अध्याय शुरू करने का समय आ गया है। अब अपने आप को अपने परिवार और दोस्तों के प्रति समर्पित करने का का समय है। मैं उन पलों को संजोना चाहता हूं जिसे मैं खेल से जुड़े होने के कारण अनुभव नहीं कर सका था। उन्होंने इसके साथ ही अपने परिवार और अब तक क्रिकेट यात्रा में साथ देने वाले सभी कोच, खिलाड़ी और प्रशासकों का शुक्रिया अदा किया।

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