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World Para Athletics : विश्व पैरा चैंपियनशिप में भारत का शानदार आगाज; शैलेश बने स्वर्ण विजेता, वरुण ने जीता कांस्य

ऊंची कूद में शैलेश ने स्वर्ण के साथ भारत का खाता खोला, पहले दिन बने दो विश्व रिकॉर्ड
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World Para Athletics : शैलेश कुमार और वरुण सिंह भाटी ने शनिवार को पुरुषों की ऊंची कूद टी63-टी42 स्पर्धा में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीतकर विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेजबान भारत का खाता खोला तो वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की थेकरा अलकाबी ने महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। पच्चीस वर्षीय शैलेश ने टी42 वर्ग में 1.91 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चैंपियनशिप रिकॉर्ड और एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया।

बिहार के जमुई जिले के इस्लाम नगर गांव में एक किसान परिवार में जन्मे शैलेश के दाहिने पैर में बचपन में ही पोलियो हो गया था। शैलेश ने जीत के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जब मैं स्कूल में था तो मैं सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता था। लोग मुझे कहते थे कि मैं खेल क्यों खेल रहा हूं। वे कहते थे कि कोई नौकरी कर लो या कुछ और करो।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘ जब मैंने 2016 के रियो पैरालिंपिक में देखा कि यह खेल मेरी श्रेणी में होता है, तब मैंने पैरा खेलों में शुरुआत करने का फैसला किया।''

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पैरा एशियाई खेलों के पूर्व पदक विजेता भाटी ने कांस्य पदक जीता जबकि मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अमेरिका के एज्रा फ्रेच ने रजत पदक हासिल किया। भाटी और फ्रेच दोनों ने 1.85 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई लेकिन अमेरिकी खिलाड़ी ने ‘काउंट-बैक' में भारतीय खिलाड़ी को हरा दिया। इस स्पर्धा में शामिल तीसरे भारतीय राहुल 1.78 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास से चौथे स्थान पर रहे। शैलेश, भाटी और राहुल टी42 एथलीट हैं जिनके घुटने के ऊपर एक अंग विच्छेदन हुआ हो या एक समान दिव्यांगता हो। टी63 वर्गीकरण उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके घुटने के पास दिव्यांगता हो।

टी63 और टी42 एथलीटों को एक ही स्पर्धा में शामिल किया जा सकता है और शनिवार को भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। महिलाओं के 400 मीटर टी20 फाइनल में भारत की गत चैंपियन दीप्ति जीवनजी ने 55.16 सेकंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ रजत पदक जीता। तुर्किऐ की आयसेल ओन्डर ने 54.51 सेकंड के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता । उन्होंने 54.96 सेकंड के अपने ही विश्व रिकॉर्ड में सुधार किया। यह स्पर्धा बौद्धिक अक्षमताओं वाले एथलीटों के लिए होती है।

बीस साल की ओन्डर 2024 सत्र में दीप्ति के बाद दूसरे स्थान पर रही थीं। तेलंगाना की 22 वर्षीय दीप्ति इससे पहले शुरुआती दौर की दूसरी हीट में 58.35 सेकेंड का समय लेकर शीर्ष स्थान हासिल किया। दिन के सत्र में अलकाबी महिलाओं की 100 मीटर टी71 फ्रेम रनिंग स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड के साथ सबको चौंका दिया। टी71 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके धड़ और पैरों में गतिशीलता काफी हद तक प्रभावित होती है। अलकाबी 19.89 सेकेंड का समय निकालकर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल रही। इस 23 साल की खिलाड़ी ने लिथुआनिया की बेला मोरकस के इस साल जुलाई में कायम 20.08 सेकेंड के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा।

मोरकस ने यहां 21.53 सेकेंड के समय के साथ रजत जबकि पोलैंड की मिरियम डोमिनिकोवस्का ने 23.56 सेकेंड के समय के साथ कांस्य पदक हासिल किया। अलकाबी का इस स्पर्धा में पिछला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 23.58 सेकेंड था। उन्होंने इससे पहले 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में एफ32 क्लब थ्रो स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। महिलाओं की लंबी कूद टी37 स्पर्धा में, विश्व रिकॉर्ड धारक चीन की वेन शियाओयान ने 5.32 मीटर की मीट रिकॉर्ड दूरी के साथ अपेक्षा के अनुरूप स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 2019 में कायम अपने पिछले मीट रिकॉर्ड 5.22 मीटर में सुधार किया। उनका मौजूदा विश्व रिकॉर्ड 5.45 मीटर है। उन्होंने इसे 2023 हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों के दौरान बनाया था।

टी 37 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जो ‘सेरेब्रल पाल्सी' की समस्या से जूझ रहे होते हैं। महिलाओं की गोला फेंक एफ 41 (छोटे कद के खिलाड़ी) में कोलंबिया की अरिजा बुइट्रागो मेयरली ने विश्व रिकॉर्ड धारक और कई पैरालंपिक तथा पैरा विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक विजेता राओआ तलीली को पछाड़ कर स्वर्ण पदक हासिल किया। मेयरली ने 10.21 मीटर की दूरी तय की जबकि उज्बेकिस्तान की कुबारो खाकिमोवा ने 10.17 मीटर के साथ रजत पदक जीता। ट्यूनीशिया की तलीली के नाम 10.55 मीटर का विश्व रिकॉर्ड है। उन्हें 9.96 मीटर के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

नीदरलैंड की नोएल रूर्डा ने महिला भाला फेंक एफ46 स्पर्धा में 43.74 मीटर के प्रयास के साथ अपना पहला विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा का रजत उज्बेकिस्तान की शाहिनाखोन यिगितालिएवा (41.97 मीटर) और कांस्य ब्रिटेन की हॉली अर्नोल्ड (41.94 मीटर) के नाम रहा। भारत की भावनाबेन चौधरी ने 35.34 मीटर के थ्रो के साथ आठवां स्थान हासिल किया। एफ 46 वर्गीकरण उन एथलीटों के लिए है जिनके एक या दोनों हाथों में गतिविधि प्रभावित होती है।

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