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विनेश फोगाट ने की संन्यास से वापसी, लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पदक जीतना लक्ष्य

खिलाड़ी ने पिछले साल पेरिस ओलंपिक खेलों में मिली निराशा के बाद खेल से दूरी बना ली थी
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भारत की शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को कहा कि उनका जोश और जज्बा अब भी पहले की तरह कायम है। वह 2028 में होने वाले लॉस एंजिलिस ओलंपिक खेलों में एक बार फिर से ओलंपिक पदक जीतने के लिए संन्यास से वापसी करेगी।

इस 31 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले साल पेरिस ओलंपिक खेलों में मिली निराशा के बाद खेल से दूरी बना ली थी। पेरिस ओलंपिक में उन्हें महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से ठीक पहले निर्धारित वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्होंने खेल पंचाट (सीएएस) में संयुक्त रूप से रजत पदक देने की मांग की थी, लेकिन फैसला नहीं बदला गया, जिसके चलते उन्होंने संन्यास की घोषणा की और राजनीति में प्रवेश किया।

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वह हरियाणा के जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुनी गईं। विनेश ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा कि लोग मुझसे पूछते रहे कि क्या पेरिस में ही मेरे सफर का अंत हो गया है। लंबे समय तक मेरे पास इसका जवाब नहीं था। मुझे मैट से, दबाव से, उम्मीदों से, यहां तक ​​कि अपनी महत्वाकांक्षाओं से भी दूर रहने की जरूरत थी। कई वर्षों में पहली बार मैंने चैन की सांस ली।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने सफर के महत्व को समझने के लिए समय लिया। चरम पर पहुंचना, दिल टूटने के पल, मेरे बलिदान और मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। उस आत्मचिंतन में कहीं न कहीं मुझे इस सच्चाई का एहसास हुआ कि मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी प्रतिस्पर्धा करना चाहती हूं। इस बीच विनेश जुलाई में एक बेटे की मां भी बनी। विनेश ने कहा कि उस सन्नाटे में मुझे एक ऐसी बात का एहसास हुआ, जिसे मैं भूल चुकी थी। यह था कि ‘वह जोश कभी खत्म नहीं हुआ है।

यह केवल थकान और शोर के कारण नेपथ्य में चला गया था। अनुशासन, दिनचर्या, संघर्ष, यह सब मेरे भीतर मौजूद हैं। मैं चाहे कितनी भी आगे निकल जाऊं, मेरा एक हिस्सा हमेशा मैट पर ही रह जाता है। वह नए जोश और जज्बे तथा अपने बेटे के साथ लॉस एंजिल्स ओलंपिक के लिए अपने सफ़र को शुरू करेगी। इसलिए मैं आज यहां पर मौजूद हूं तथा पूरी निडरता और दृढ़ संकल्प के साथ लॉस एंजिलिस ओलंपिक की तरफ कदम बढ़ा रही हूं। इस बार मैं अकेली नहीं हूं।

मेरा बेटा भी मेरी टीम में शामिल हो रहा है। वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है। वह लॉस एंजिलिस ओलंपिक के इस सफर में मेरा छोटा सा चीयरलीडर है। विनेश ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक के मुकाबले में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर पहले ही इतिहास रच दिया था। 3 बार की ओलंपियन विनेश ने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीते हैं।

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