पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटरों की मौत, ACB ने त्रिकोणीय T20 सीरिज से नाम वापस लिया
Pakistan Afghanistan Conflict: अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने शनिवार को पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के पकतीका प्रांत में किए गए हवाई हमले में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पाकिस्तान के खिलाफ होने वाली आगामी त्रिकोणीय टी20 सीरीज़ से हटने की घोषणा की है।
एसीबी ने एक्स (X) पर जारी बयान में कहा, “अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड पकतीका प्रांत के ऊरगुन ज़िले के बहादुर क्रिकेटरों की शहादत पर गहरा दुख और शोक व्यक्त करता है। इन खिलाड़ियों को पाकिस्तानी शासन द्वारा किए गए एक कायराना हमले में निशाना बनाया गया।”
बोर्ड ने पुष्टि की कि मृतकों में तीन क्रिकेटर कबीर, सिबग़तुल्लाह और हारून शामिल थे। इस हमले में कुल आठ लोगों की मौत हुई और सात अन्य घायल हुए। ये खिलाड़ी पकतीका प्रांत की राजधानी शराना में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेलने गए थे। मैच के बाद जब वे अपने गांव ऊरगुन लौटे और एक स्थानीय सभा में शामिल हुए, तभी उन पर हवाई हमला किया गया।
एसीबी ने कहा, “इस हृदयविदारक घटना में ऊरगुन ज़िले के तीन क्रिकेटर (कबीर, सिबग़तुल्लाह और हारून) सहित पांच अन्य नागरिक मारे गए और सात घायल हुए। यह अफगान खेल जगत और क्रिकेट परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।” बोर्ड ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों और पकतीका प्रांत के लोगों के प्रति संवेदना और एकजुटता प्रकट करता है। इस दुखद घटना के विरोध में, एसीबी ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ नवंबर के अंत में खेले जाने वाले त्रिकोणीय टी20 सीरीज़ से हटने की घोषणा की।
बोर्ड ने अपने संदेश का समापन इन शब्दों के साथ किया, “अल्लाह शहीदों को जन्नत में उच्च स्थान प्रदान करें, घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें और शोकसंतप्त परिवारों को धैर्य और शक्ति प्रदान करें।”
गौरतलब है कि शुक्रवार को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी पकतीका प्रांत में कई हवाई हमले किए, जिससे हाल ही में हुए युद्धविराम समझौते का उल्लंघन हुआ। टोलो न्यूज़ के अनुसार, ये हमले ऊरगुन और बरमल ज़िलों के आवासीय इलाकों को निशाना बनाते हुए किए गए, जिनमें कई नागरिक हताहत हुए।
ये हमले दोनों देशों के बीच 48 घंटे के युद्धविराम के दौरान हुए, जो लगातार सीमा संघर्षों के बाद लागू हुआ था। पाकिस्तान ने दोहा में जारी शांति वार्ताओं के पूरा होने तक युद्धविराम बढ़ाने की मांग की थी।