गोवा में जुटे शतरंज के दिग्गज : ‘विश्वनाथन आनंद कप’ के साथ फ़िडे वर्ल्ड कप 2025 का आगाज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश से हुआ टूर्नामेंट का उद्घाटन
भारत की शतरंज विरासत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाले क्षण का साक्षी बना गोवा। डॉ़. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर स्टेडियम में फ़िडे वर्ल्ड कप 2025 का शानदार आगाज़ हुआ। संगीत, रोशनी और संस्कृति से सजे इस आयोजन ने भारत की मेहमाननवाजी के साथ-साथ ‘स्पिरिट एंड स्टोरी ऑफ चेस’ को भी जीवंत कर दिया।
इस आयोजन में जब विश्व कप ट्रॉफी का नाम भारत के पहले विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद के नाम पर रखा गया, तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। पीतल से निर्मित और सुनहरी परत से सजी यह ट्रॉफी अब से ‘विश्वनाथन आनंद कप’ कहलाएगी। यानी समर्पण, सटीकता और दृढ़ता की प्रतीक। टूर्नामेंट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ हुआ, जिसे अखिल भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने पढ़ा।
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘जब शतरंज विश्व कप अपने घर भारत लौटता है, तो यह न सिर्फ गर्व का क्षण है, बल्कि यह हमारे प्राचीन खेल की जड़ों की ओर वापसी जैसा है। भारत अब वैश्विक खेल आयोजनों का केंद्र बन रहा है - यह हमारे देश और विश्व, दोनों के लिए शुभ संकेत है।’
इस मौके पर नितिन नारंग ने कहाकि यह टूर्नामेंट सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भारत के शतरंज युग की नई शुरुआत है।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भारतीय धरती पर उतर रहे हैं, और हमारे युवा ग्रैंडमास्टर्स को उनसे मुकाबले का मौका मिल रहा है। यही खेल की असली भावना है। उन्होंने बताया कि भारत को इस बार पांच अतिरिक्त वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली हैं, जिससे भारतीय खिलाड़ियों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी है। नारंग ने कहा कि अगर इस बार कोई भारतीय खिलाड़ी यह ट्रॉफी जीतता है, तो यह भारत के खेल इतिहास का स्वर्ण अध्याय होगा।
दिव्या देशमुख ने किया ‘ड्रॉ ऑफ कलर्स’
समारोह का आकर्षण बनीं महिला विश्व कप विजेता ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख, जिन्होंने ‘ड्रॉ ऑफ कलर्स’ में खिलाड़ियों के लिए शुरुआती रंग चुने। उन्होंने शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी डी़ गुकेश के लिए ब्लैक रंग चुना, जिसके चलते सभी विषम संख्या वाले खिलाड़ी पहले दौर में ब्लैक पीसेज़ से शुरुआत करेंगे।
मांडविया बोले, अब भारत शतरंज का पावरहाउस
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ़ मनसुख मांडविया ने कहा कि कुछ साल पहले हमारे पास 10 से भी कम ग्रैंडमास्टर थे, और आज भारत के पास 90 हैं। हम ओलंपियाड के ओपन और महिला दोनों वर्गों में चैंपियन हैं। दिव्या देशमुख ने इतिहास रचा है। आने वाले वर्षों में भारत और भी चैंपियनों को जन्म देगा। उन्होंने एआईसीएफ और गोवा सरकार को इस विश्वस्तरीय आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि यह आयोजन स्पोर्ट्स डिप्लोमेसी और इंडियन इंटेलेक्ट का बेहतरीन उदाहरण है।
गोवा की मेहमाननवाजी में बसा ‘स्पिरिट ऑफ चेस’
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ़ प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा अपनी संस्कृति, संगीत और आतिथ्य के लिए जाना जाता है। हमें गर्व है कि हम इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी कर रहे हैं। यह राज्य के लिए खेल पर्यटन में नया अध्याय खोलेगा। राज्य के खेल मंत्री डॉ़ रमेश तवडकर ने कहा कि छह वर्षों में यह दूसरा अवसर है जब गोवा किसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शतरंज आयोजन की मेजबानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2023 के नेशनल गेम्स और डब्ल्यूटीटी के बाद फ़िडे वर्ल्ड कप हमारी उपलब्धियों की स्वाभाविक निरंतरता है।
कला, संगीत और रोशनी से सजा उद्घाटन समारोह
उद्घाटन कार्यक्रम का हर पल उत्सव की तरह था। हॉर्मुज़द खंबाटा डांस ग्रुप की लाजवाब प्रस्तुति के बाद हेमा सरदेसाई ने ‘स्पिरिट ऑफ गोवा’ गीत से दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। ‘क्वाड्रंट डुओ’ की तालों ने मंच को ऊर्जा से भर दिया और कार्यक्रम का समापन उषा उथुप की जोशपूर्ण परफॉर्मेंस से हुआ।
23 साल बाद भारत में लौटा विश्व कप
फ़िडे अध्यक्ष आर्कादी द्वोर्कोविच ने कहा कि 23 साल बाद वर्ल्ड कप का भारत लौटना पूरी तरह उचित है। भारत शतरंज की जन्मभूमि है, और अब यह विश्व की सबसे बड़ी आधुनिक शक्तियों में से एक है। एआईसीएफ ने शानदार आयोजन किया है, जो अन्य देशों के लिए उदाहरण बनेगा। टूर्नामेंट के पहले दौर में भारत के मौजूदा वर्ल्ड जूनियर चैंपियन प्रणव वी़ अल्जीरिया के अला एद्दीन बौलरेन्स से भिड़ेंगे। शीर्ष वरीय डी़ गुकेश, दूसरे वरीय अर्जुन एरिगैसी और पिछले संस्करण के उपविजेता आऱ प्रज्ञानानंदा 4 नवम्बर से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। शीर्ष 50 खिलाड़ियों को पहले दौर में बाई मिला है। वहीं तुर्की के जीएम यागिज़ कान एर्दोग्मुस पहले दौर में सर्वाधिक रैंकिंग वाले खिलाड़ी होंगे, जो लीबिया के सीएम नागी अबुगेंदा से भिड़ेंगे।

