एम्सटेलवीन, 2 जुलाई (एजेंसी)
उम्मीदों के सरमाये में आत्मविश्वास से भरी भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व कप के पूल बी के अपने पहले मुकाबले में रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा टोक्यो में मिली हार का बदला चुकता करने का होगा। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 4-3 से हराकर ऐतिहासिक पदक जीतने से वंचित कर दिया था। विश्व कप के पहले भारतीय टीम के हौसले बुलंद है चूंकि वह एफआईएच प्रो लीग में पहली बार खेलते हुए तीसरे स्थान पर रही। विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1974 में पहले ही सत्र में रहा जब टीम चौथे स्थान पर रही थी। टोक्यो में चौथे स्थान पर रहने के बाद हालांकि भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन का ग्राफ ऊंचा ही जा रहा है। मई में भारतीय टीम एफआईएच रैंकिंग में छठे स्थान पर पहुंची जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसके अलावा प्रो लीग में बड़ी टीमों को कड़ी चुनौती दी। भारतीय टीम एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आगे रही। अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया ने कमान बखूबी संभाली है। चोट के कारण रानी रामपाल टोक्यो ओलंपिक के बाद से टीम से बाहर हैं। सविता खुद शानदार फॉर्म में हैं और उनका साथ देने के लिये युवा गोलकीपर बिछू देवी खारीबाम है। डिफेंस में उपकप्तान दीप ग्रेस इक्का, गुरजीत कौर, उदिता और निक्की प्रधान होंगे जबकि मिडफील्ड की जिम्मेदारी सुशीला चानू, नेहा गोयल, नवजोत कौर, सोनिका, ज्योति, निशा, मोनिका पर होगी। सलीमा टेटे भी बेहतरीन फॉर्म में हैं और प्लेमेकर की भूमिका निभायेंगी। आक्रमण का जिम्मा वंदना कटारिया, लालरेम्सियामी, नवनीत कौर और शर्मिला देवी पर होगा। पुख्ता तैयारियों के बावजूद भारत को रानी रामपाल के अनुभव की कमी खलेगी।