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खून में खेल: हरियाणा के मोर परिवार की अंतरराष्ट्रीय धाक, इंस्पेक्टर नवीन मोर फिर चमके

मोर परिवार में है विभिन्न खेलों के 9 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी
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Haryana Sports: हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर नवीन मोर, जिनकी रगों में खेल की 'मोर' विरासत सांस लेती है, खाकी वर्दी और कुश्ती के मैदान के बीच अद्भुत संतुलन का प्रतीक हैं। अमेरिका के अलाबामा, बर्मिंघम में आयोजित 21वें वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स (27 जून से 6 जुलाई) में उन्होंने 125 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती में स्वर्ण पदक और 130 किलोग्राम ग्रीको रोमन कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत और हरियाणा पुलिस को पुनः गौरवान्वित किया। बीते वर्षों में खेल के दौरान चोटों के कारण अंतरराष्ट्रीय कुश्ती से वर्षो की दूरी के बावजूद, उन्होंने अमेरिका में तिरंगा लहराकर यह सिद्ध किया कि समर्पण और अनुशासन के साथ कोई भी बाधा असंभव नहीं।

19 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया

इंस्पेक्टर नवीन मोर न केवल कुश्ती के अंतरराष्ट्रीय पहलवान हैं, बल्कि हरियाणा पुलिस के एक प्रतिष्ठित और अनुशासित अधिकारी भी हैं। वे अब तक 19 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वे सख्त अनुशासन और शाकाहारी जीवनशैली के समर्थक हैं, जो उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाती है। वर्तमान में वे पुलिस जिला डबवाली में तैनात हैं, जहां आर्थिक अपराध शाखा और पी.ओ. स्टाफ में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मूल रूप से गांव लड़सौली (सोनीपत) निवासी मोर कुश्ती जगत में भीम अवार्ड, भारत केसरी, हिंद केसरी, दिल्ली केसरी, और रुस्तम-ए-हिंद जैसे खिताबों से सम्मानित हो चुके हैं।

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इंस्पेक्टर मोर की गौरवशाली खेल उपलब्धियां

सम्मान में गूंजा डबवाली जिला पुलिस परिसर

अमेरिका में ऐतिहासिक जीत के बाद जब नवीन मोर डबवाली लौटे, तो पुलिस अधीक्षक निकिता खट्टर (आईपीएस) ने उन्हें पदक पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पूरा पुलिस कार्यालय परिसर तालियों और उत्साह से गूंज उठा। मोर ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी सभी के साथ साझा की।

मोर खानदान: एक खेल परंपरा, एक प्रेरणा

सोनीपत जिले के गांव लड़सौली स्थित मोर परिवार को "अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का परिवार" कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। यहां 9 से अधिक सदस्य विभिन्न खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर चुके हैं। यह परिवार खेल को परंपरा की तरह जीता है। ये हैं मोर परिवार के खिलाड़ी...

गुरु दक्षिणा: गांव में खोली खिलाड़ियों की नर्सरी

नवीन मोर ने 11 वर्ष की आयु में दिल्ली के गुरु हनुमान अखाड़े में कुश्ती प्रशिक्षण शुरू किया। अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता स्वरूप उन्होंने अपने गांव लड़सौली में एक एकड़ भूमि पर ‘गुरु हनुमान कुश्ती व कबड्डी एकेडमी’ की स्थापना की है। यहां प्रतिदिन 80 से 100 बच्चे अभ्यास करते हैं, जो भविष्य के चैंपियन बनने का सपना लिए कड़ा परिश्रम करते हैं।

अनुशासन, जुनून और विरासत का संगम

पुलिस इंस्पेक्टर नवीन मोर की खेल व पुलिस सेवा की यात्रा यह सिखाती है कि जब कर्तव्य के साथ समर्पण और अनुशासन जुड़ जाए, तो कोई मंजिल असंभव नहीं। वे केवल हरियाणा पुलिस के लिए ही नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो खेल और सेवा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं।

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