बाली, 5 दिसंबर (एजेंसी)
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को रविवार को यहां खिताबी मुकाबले में दक्षिण कोरिया की आन सियोंग से सीधे गेम में हारने के कारण बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। मौजूदा विश्व चैंपियन सिंधू के पास विश्व में छठे नंबर की कोरियाई खिलाड़ी के खेल का कोई जवाब नहीं था और वह आसानी से 16-21, 12-21 से हार गयी। इस कोरियाई खिलाड़ी के खिलाफ सिंधू की तीन मैचों में तीसरी हार है और इन सभी मैचों का नतीजा सीधे गेम में निकला। सियोंग ने नेट पर बेहतरीन खेल दिखाया और बेसलाइन पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने 39 मिनट तक चले मैच में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय खिलाड़ी को किसी भी समय वापसी का मौका नहीं दिया। सियोंग ने इससे पहले इंडोनेशिया मास्टर्स और इंडोनेशिया ओपन के खिताब जीते थे। उन्होंने अक्टूबर में डेनमार्क ओपन के क्वार्टर फाइनल में भी सिंधू को हराया था। यह तीसरा अवसर था जबकि सिंधू टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थी। वह 2018 में खिताब जीतकर यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थी। सिंधू में फाइनल में हार के बाद कहा, ‘यह अच्छा मुकाबला था। सियोंग बेहतरीन खिलाड़ी है इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह आसान होने वाला था। मैं एक कड़े मुकाबले के लिए तैयार थी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरू से ही उसे बढ़त बनाने का मौका नहीं देना चाहिये था क्योंकि अंत में मैं अंको के अंतर को कम करने में सफल रही। यह थोड़ा निराशाजनक है लेकिन बहुत कुछ सीखने को मिला।’
इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘बाली में तीन सप्ताह अच्छे रहे। यहां से कई सकारात्मक चीजों के साथ लौटूंगी और तरोताजा होकर विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी करूंगी।” कोरिया की 19 साल की खिलाड़ी के खिलाफ सिंधू एक बार फिर असहज नजर आयी। वह अपने आक्रामक खेल को आगे नहीं बढ़ा सकी और ना ही पूरे कोर्ट का इस्तेमाल कर सकी। सियोंग ने नेट का शानदार इस्तेमाल किया और शटल पर बेहतर प्रहार से उसने सिंधू की योजना को विफल कर दिया। उन्होंने मैच के दौरान कई मौकों पर डाइव लगाकर अंक बचाये। मैच की शुरुआत में ही सिंधू 0-4 से पिछड़ गयी थी। सिंधू ने वापसी की कोशिश की लेकिन कोरिया की खिलाड़ी ने उन्हें एक बार में कई अंक बटोरने का मौका नहीं दिया।