हॉकी में छाये साड्डे मुंडे, 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया फतेह
पेरिस, 2 अगस्त (एजेंसी)
पहली बार ओलंपिक खेल रहे डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह और फॉरवर्ड अभिषेक ने आस्ट्रेलिया के रसूख से विचलित हुए बिना बेखौफ हॉकी खेली। इस मैच से पहले ओलंपिक में भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 मैचों में से सिर्फ तीन (1960 रोम क्वार्टर फाइनल, 1964 तोक्यो सेमीफाइनल और 1972 म्युनिख ग्रुप मैच) मैच जीते थे, जबकि आस्ट्रेलिया ने छह जीते और दो ड्रॉ खेले थे। भारतीय टीम पूल चरण में 3 जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रही। क्वार्टर फाइनल में उसका सामना पूल ए की तीसरे नंबर की टीम से होगा। भारतीय टीम ने शुरुआती 15 मिनट में 2-0 की बढ़त बना ली थी।
क्वार्टर फाइनल से पहले ऐसी जीत जरूरी थी : हरमनप्रीत
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण मैच था। हमें क्वार्टर फाइनल से पहले ऐसी जीत की जरूरत थी। हमने शुरू ही से उन पर दबाव बनाये रखा। आस्ट्रेलिया को हराना गर्व का पल है। हमने क्वार्टर दर क्वार्टर रणनीति बनाई। हमेशा कहते हैं कि आस्ट्रेलिया बड़ी टीम है, लेकिन हम उस मानसिकता से उतरे ही नहीं। हमारे लिये यह बड़ी जीत है। अब आगे टीम को और चौकस होकर खेलना होगा और किसी गलती की गुंजाइश नहीं है।’
मनु भाकर एक और पदक की ओर
बैडमिंटन : लक्ष्य सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय
लक्ष्य सेन पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा में पदक से एक जीत दूर हैं। वे सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपै के चोउ तियेन चेन को हराया।