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Paris Paralympics: एशियाई रिकार्ड के साथ धर्मबीर ने जीता सोना, गांव में जश्न

क्लब थ्रो एफ-51 स्पर्धा में 34.92 मीटर के साथ जीता सोना
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हरेंद्र रापड़िया/हप्र, सोनीपत, 5 सितंबर
Paris Paralympics: पेरिस पैरालंपिक के पुरुष वर्ग की क्लब थ्रो एफ-51 में सोनीपत के गांव भदाना निवासी धर्मबीर नैन ने शानदार खेल दिखाकर एशियाई रिकार्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता है, वहीं प्रणव सूरमा ने रजत पदक जीता है। इस प्रतियोगिता में भारत का दबदबा कायम रहा। पदक जीतते ही धर्मबीर के गांव में रात 1: 15 बजे जश्न शुरू हो गया। खुशी के माहौल के बीच उनके निवास स्थान पर मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई गई।
भीम अवार्डी धर्मबीर नैन ने अपने ही एशियाई रिकॉर्ड को तोड़कर पेरिस में स्वर्ण पदक जीता है। पेरिस पैरालंपिक की एफ-51 स्पर्धा में धर्मबीर नैन के पहले चार थ्रो अमान्य रहे। उन्होंने हौसला न हारते हुए स्पर्धा की पांचवीं बारी में 34.92 का स्वर्णिम थ्रो किया।
इस बार सोना दिलाकर ही लौटूंगा...
धर्मबीर नैन इससे पहले रियो व टोक्यो पैरालंपिक में पदक नहीं जीत सके थे। उन्होंने पेरिस रवाना होने से पहले कहा था कि इस बार देश को सोना दिलाकर ही लौटूंगा। उन्होंने बताया था कि मैं पेरिस पैरालंपिक के लिए पूरी तरह तैयार हूं। धर्मबीर ने प्रतियोगिता के लिए सुबह शाम कड़ा अभ्यास किया था।
कठिनाइयों भरा रहा सफर
धर्मबीर नैन का सफर कठिनाइयों भरा रहा है। धर्मबीर नैन ने वर्ष 2012 में नहर में नहाने के लिए छलांग लगाई, लेकिन जलस्तर कम होने से गर्दन सीधा तलहटी से जा टकराई। हादसे में रीढ़ की हड्डी टूट गई व आधे से ज्यादा शरीर ने काम करना बंद कर दिया था। हादसे में आधा शरीर निष्क्रिय होने के बाद भी धर्मबीर ने हार नहीं मानी।
अब उन्होंने अपने बुलंद हौसले व मेहनत के दम पर देश की झोली में स्वर्ण पदक डाला है। परिजनों का कहना है कि वह बहुत खुश हैं। धर्मबीर ने पेरिस में सोना जीतकर नाम ऊंचा किया है। देश लौटने पर धर्मबीर का भव्य स्वागत किया जाएगा।
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