भुवनेश्वर, 4 दिसंबर (एजेंसी) खिताब बरकरार रखने का सपना टूटने के बाद भारतीय टीम एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप में शनिवार को कांस्य पदक के प्लेआफ में फ्रांस के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा टूर्नामेंट से बैरंग लौटने से बचने के साथ ही फ्रांस से पहले मैच में मिली हार का बदला चुकता करने का भी होगा। गत चैम्पियन भारत का लगातार दूसरा जूनियर विश्व कप जीतने का सपना छह बार की चैम्पियन जर्मनी ने तोड़ दिया और सेमीफाइनल में उसे 4 . 2 से हराया। जर्मनी का सामना फाइनल में अर्जेंटीना से होगा जबकि भारतीय टीम कांसे के तमगे के लिये फ्रांस से भिड़ेगी जिसने उसे पहले मैच में 5 . 4 से मात दी थी। पोडियम पर जगह हासिल करने के लिये भारतीय खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा। जर्मनी के खिलाफ टीम बिल्कुल लय में नहीं दिखी। लखनऊ में 2016 में जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव नजर आया। अभी तक टूर्नामेंट के किसी मैच में पूरे समय तक मेजबान टीम प्रवाहपूर्ण हॉकी नहीं खेल सकी है। कोच ग्राहम रीड जरूर इससे चिंतित होंगे जिनके मार्गदर्शन में सीनियर पुरूष टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम के खिलाफ भारतीय डिफेंस ने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया लेकिन जर्मनी के खिलाफ उसे दोहरा नहीं सके। यशदीप सिवाच, उपकप्तान संजय कुमार, शारदानंद तिवारी और अभिषेक लाकड़ा जर्मनी के आक्रमण को रोकने में नाकाम रहे। तीसरे स्थान पर रहने के लिये मेजबान को उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी।