Kuldeep Yadav : लय में लौटें कुलदीप का बड़ा खुलासा, कहा- दलीप ट्रॉफी से आया टर्निंग पॉइंट
Kuldeep Yadav : इंग्लैंड में 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला के दौरान अंतिम एकादश में जगह बनाने में नाकाम रहे भारत के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा कि दलीप ट्रॉफी में ‘ काफी अधिक गेंदबाजी करने' से उन्हें एशिया कप के लिए अपनी लय वापस पाने में मदद मिली। कुलदीप ने इस टूर्नामेंट को 17 विकेट के साथ सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनका गेंदबाजी औसत 9.29 रहा।
पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को दुबई में खेले गए फाइनल में उन्होंने विपक्षी बल्लेबाजों को अपनी फिरकी में फंसाते हुए 30 रन देकर 4 विकेट झटके। उन्होंने कहा कि जब आप लंबे समय तक क्रिकेट नहीं खेलते हैं, तो आपको लय की जरूरत होती है। मुझ दलीप ट्रॉफी में गेंदबाजी करने का काफी मौका मिला। ऐसे में जब मैं टूर्नामेंट के लिए आया तो मेरी गेंदबाजी जाहिर तौर पर अच्छी चल रही थी।
कुलदीप ने अपने प्रदर्शन पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि मेरी भूमिका बीच के ओवरों में रन को नियंत्रित करने और विकेट लेने की थी। कप्तान को मुझ पर बहुत भरोसा था और मैंने अपनी भूमिका को बहुत अच्छे से निभाया। वरुण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल के साथ कुलदीप ने शानदार स्पिन तिकड़ी बनाई। इसने अपनी विविधता से बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। अबूझ स्पिनर वरुण ने कहा कि पावरप्ले के साथ-साथ आखिरी ओवरों में गेंदबाजी करने जैसे कठिन कार्य को सौंपे जाने के बाद वह टीम प्रबंधन की उम्मीदों पर खरा उतर कर खुश हैं।
भारतीय टीम के लिए यह भूमिका पाकर बहुत खुशी हुई और निश्चित रूप से जब जीजी (मुख्य कोच गौतम गंभीर) और (कप्तान) सूर्या ने मुझे बताया कि मुझे इस टूर्नामेंट में मुश्किल भूमिका निभानी होगी, जैसे कि पावरप्ले और आखिरी ओवरों में भी गेंदबाजी करना। वरुण ने संजू सैमसन को अपनी ताकत का एक बड़ा स्तंभ बताया। इस वीडियो में उनके साथ बाद में सैमसन भी जुड़ गई।
सैमसन ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में भारत के तीन विकेट जल्दी गिरने के बाद मध्य क्रम में एक उपयोगी पारी खेलकर टीम की जीत में उपयोगी योगदान दिया। यह बंदा मेरे लिए समर्थन का एक स्तंभ रहा है। संजू मोहनलाल सैमसन। सैमसन ने कहा कि 147 रन का पीछा करते हुए भारत के अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल के शुरुआती विकेट गिरने के बाद उन्हें दबाव को झेलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि मुझे दबाव से निपटते हुए टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालना था। मुझे बस क्रीज पर रह कर अपना नैसर्गिक खेल खेलने के साथ अपने पूरे अनुभव का उपयोग करना था। मैं काफी समय से इस टीम के साथ हूं ऐसे में मुझे पता था कि तिलक वर्मा के साथ सोझेदारी में दायें और बाएं हाथ के बल्लेबाजों का संयोजन बना रहेगा। रिंकू सिंह ने मैच में खेली गई अपनी एकमात्र गेंद पर चौका मारकर टीम को जीत दिलाई। उन्होंने कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।