सेंसेक्स, निफ्टी में शुरुआती कारोबार में तेजी, रुपये में गिरावट
मारकंडा हैड से बीबीपुर झील की तरफ दीवार हटाने के विरोध में भाकियू के बैनर तले हुई महापंचायत में 12 गांवों से दर्जनों की संख्या किसान पहुंचे। इसके बाद धरना] प्रदर्शन शुरू किया गया। सूचना मिलते ही पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गया। इसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। अधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन के बाद किसान शांत हुए और महापंचायत एवं धरने की समाप्ति की घोषणा की। सुबह किसान यूनियन के बैनर तले 12 गांवों के किसान महापंचायत में पहुंचे।
इसके बाद यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने किसानों की ओर से विभाग के एक्सईएन को मौके पर बुलाने की बात अधिकारियों के समक्ष रखी गई। कुछ देर बाद अधिकारियों ने बताया कि एक्सईएन चंडीगढ़ मीटिंग में है। लिहाजा उनके निर्देशानुसार एसडीओ राकेश कुमार किसानों से बातचीत करेंगे। किसानों ने एसडीओ के सामने दो मांगे रखी पहली मांग दीवार को लेकर जो स्थिति बनी हुई है उसे छेड़ने की बजाय इसी प्रकार रखा जाए और दूसरा यह बताया जाए की दीवार को हटाने के आदेश लिखित में थे।
यदि आदेश लिखित में नहीं थे तो वह नेता कौन है, जिसके कहने पर जुबानी तौर पर यह काम किया जा रहा था। लेकिन अधिकारियों ने किसी भी नेता का नाम लेने से बचते हुए इसे रुटीन की प्रक्रिया बताया और किसानों को लिखित में आश्वासन दिया कि मौके पर यथास्थिति रखी जाएगी। एसडीओ राकेश कुमार को किसानों की ओर से भी मांग पत्र भी सौंपा गया। एसडीओ ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे इसे आला अधिकारियों तक पहुंचाएंगे, तब तक काम बंद रखा जाएगा।
इस मौके पर अमृतपाल बाजवा भौर, सुखविंदर भाकियू प्रधान कंवलजीत छज्जूपुर, विनोद बाखली, सुखविंद्र मुकीमपुरा, युवा उप प्रधान गुरलाल असमानपुर, मलकीत बाजवा, गुलाब मुकीमपुरा, विशाल मुकीमपुरा, पंडित देवी चंद शर्मा, भूपेंद्र एडवोकेट, सतविंदर राणा, दविंदर राणा, योगी, रजनेश, प्रदीप तंवर, साहब सिंह बाजवा, मनीष मलिक, दिलबाग मलिक, बोबी राणा व मनीष शर्मा सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।