अहमदाबाद, 28 मई (एजेंसी)
आईपीएल खिताब के लिये आखिरी तिलिस्म तोड़ने की दहलीज पर खड़ी गुजरात टाइटंस और राजस्थान रॉयल्स के लिये इस मैच में बहुत कुछ दाव पर लगा है। 14 साल पहले आईपीएल के पहले सफर में सुनहरी शुरुआत करने वाले राजस्थान रॉयल्स एक बार फिर इतिहास को दोहराना चाहेंगे तो दिग्गजों को जमींदोज करके अपने पहले ही सफर में सिरमौर बनी गुजरात टाइटंस कामयाबी नया इतिहास रचने की फिराक में होगी।
दो महीने पहले जब आईपीएल का मौजूदा सत्र शुरू हुआ था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि फाइनल के टॉस के लिये संजू सैमसन और हार्दिक पंड्या मैदान पर उतरेंगे। अपने कैरियर में कई उतार चढ़ाव देख चुके हार्दिक और मुख्य कोच आशीष नेहरा के लिये 2 महीने का यह सफर सपने सरीखा रहा। फिट होकर फॉर्म में लौटे हार्दिक ने बतौर कप्तान अपना लोहा मनवाया है। मिलर ने सभी को चौंकाया। तेवतिया ने साबित कर दिया कि शारजाह में जड़े 5 छक्के महज तुक्का नहीं थे।
गुजरात में भी अब क्रिकेट का जुनून दिखने लगा है। खचाखच भरे मोटेरा स्टेडियम पर अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेलने का फायदा गुजरात को मिला है। दूसरी ओर राजस्थान ऐसे सितारे के लिये खिताब जीतना चाहेगी तो आसमान से कहीं अपनी इस टीम को निहार रहा होगा। आईपीएल का पहला खिताब सितारों के
बिना एक युवा टीम को दिलाने वाले शेन वॉर्न राजस्थान रॉयल्स के प्रदर्शन पर जरूर गौरवान्वित होते।
प्रतिभा की बात करें तो संजू उन बिरले खिलाड़ियों में से हैं, जो भारत के लिये 20 मैच भी नहीं खेले हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता कमाल की है। कप्तानी में कामयाबी के साथ उनकी प्रतिभा और परवान चढी है। उनके पास रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, जोस बटलर, ट्रेंट बोल्ट जैसे दिग्गज तो यशस्वी जायसवाल और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे युवा खिलाड़ी हैं, लेकिन संजू ने अच्छा तालमेल बिठाकर टीम को यहां तक पहुंचाया है।