नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (एजेंसी) भारतीय महिला मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) और मनीषा (57 किग्रा) ने जर्मनी में कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते। मनीषा ने हमवतन साक्षी को 3-2 से हराया जबकि सिमरनजीत ने जर्मनी की माया किलिहान्स को 4-1 से पराजित करके खिताब जीता। भारत ने इस प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक जीते और वह संपूर्ण तालिका में दूसरे स्थान पर रहा। शनिवार को पुरुष वर्ग में अमित पंघाल (52 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें फाइनल में वाकओवर मिला। अनुभवी सतीश कुमार (91 किग्रा से अधिक) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि चोट के कारण वह फाइनल खेलने के लिये रिंग पर नहीं उतर पाये। सोनिया लाठेर (57 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा) गौरव सोलंकी (57 किग्रा) और मोहम्मद हसमुद्दीन (57 किग्रा) ने अपने अपने भार वर्गों में कांस्य पदक जीते। इस प्रतियोगिता में मेजबान जर्मनी और भारत के अलावा बेल्जियम, क्रोएशिया, डेनमार्क, फ्रांस, मोलदोवा, नीदरलैंड, पोलैंड और उक्रेन के मुक्केबाजों ने भी हिस्सा लिया था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।