IND vs SA : हार पर गंभीर का बड़ा बयान, कहा- किसी एक को दोष नहीं, पर पंत के आउट होने से नाराज
IND vs SA : भारतीय कोच गौतम गंभीर ने दूसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका से मिली 408 रन की करारी हार के बाद किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दिया लेकिन इतना जरूर साफ कर दिया कि वह भारत के कार्यवाहक कप्तान ऋषभ पंत के आउट होने के तरीके से बेहद खफा थे।
भारत एक विकेट पर 95 रन बनाकर अच्छी स्थिति में था लेकिन इसके बाद टीम ने लगातार विकेट गंवा दिए और स्कोर सात विकेट पर 122 रन हो गया जिसमें मार्को यानसन की गेंदबाजी अहम रही। पंत ने यानसन पर आक्रामक होकर खेलने की कोशिश की जबकि उस वक्त उन्हें संयम दिखाने की जरूरत थी। और इसी शॉट को सबसे खराब माना जा रहा है। मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में गंभीर हमेशा की तरह तेवर में थे।
श्रृंखला 0-2 से गंवाने के बाद जब गंभीर से पूछा गया कि क्या उन्हें पंत से बेहतर की उम्मीद थी तो उन्होंने कहा कि आप किसी एक शॉट या किसी एक खिलाड़ी को दोष नहीं दे सकते। मैं कभी भी किसी एक खिलाड़ी पर बात नहीं करता, आज भी नहीं करूंगा। सच्चाई यही है कि हमें लाल गेंद के क्रिकेट में बहुत सुधार करना है। चाहे वह मानसिक हो, तकनीकी हो, दबाव झेलने की क्षमता हो, बलिदान देने की भावना हो, या टीम को खुद से ऊपर रखना हो। और सबसे जरूरी, गैलरी को खुश करने के लिए नहीं खेलना।
यहां यह साफ था कि इशारा पंत की ओर ही है लेकिन जब एक सीनियर पत्रकार ने पूछा कि जवाबदेही कैसे तय होगी तो गंभीर ने बिल्कुल स्पष्ट संकेत दिया कि यह परवाह करने से आता है। आप ड्रेसिंग रूम की कितनी परवाह करते हैं, टीम की कितनी परवाह करते हैं क्योंकि जवाबदेही और मैच की परिस्थितियां पढ़ाई नहीं जा सकती। अगर आप मैदान में जाकर हमेशा खुद को टीम से आगे रखेंगे, कहेंगे कि मैं ऐसे ही खेलता हूं और मेरे पास ‘प्लान बी' नहीं है तो आपको इसी तरह बल्लेबाजी क्रम के चरमराना होता रहेगा।
गंभीर ने कहा कि आप भारतीय क्रिकेट की कितनी परवाह करते हैं और ड्रेसिंग रूम में बैठे लोगों की कितनी परवाह करते हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है। जो खिलाड़ी सफेद गेंद के क्रिकेट में अच्छा करते हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने लाल गेंद के क्रिकेट में क्या किया है। गंभीर ने लाल गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया। सफेद गेंद के क्रिकेट में रन बनते ही लोग टेस्ट में किए गए प्रदर्शन को भूल जाते हैं। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए। मीडिया, हम, खेल प्रेमी सब टेस्ट क्रिकेट में किए गए प्रदर्शन को भूलने लगते हैं। हमें आगे काफी सफेद गेंद का क्रिकेट खेलना है। कोई 40 गेंद, 50 या 80 गेंद पर 100 भी मार दे। लेकिन सच्चाई यह है कि हमें लाल गेंद के क्रिकेट में और बेहतर होना है।
